कन्हैया कुमार का नया कारनामा - उसके पीएचडी थीसिस का लेख वैश्विक निकायों और ईरान द्वारा ब्लैकलिस्ट किये गए जर्नल में प्रकाशित हुआ !



जेएनयू के कुख्यात छात्र नेता कन्हैया कुमार ने हाल ही में अपनी पीएचडी थीसिस जमा की, जिसे उन्होंने सेंटर फॉर अफ़्रीकी स्टडीज, इंटरनेशनल स्टडीज स्कूल (एसआईएस) में वामपंथी प्रोफेसर एसएन मालकर के मार्गदर्शन में पूरा किया था। 

पूर्व जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार द्वारा जो पीएचडी थीसिस सबमिट की गई है, उसका एक आलेख अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्लैकलिस्टेड एक कुख्यात पत्रिका “इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल ऑफ़ ह्यूमनिटीज, इंजीनियरिंग एंड फार्मास्यूटिकल साइंसेज” (आईजेएचईपीएस) में प्रकाशित हुआ है, जिसे पत्रिका की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है। ख़ास बात यह है कि 2014 में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त बेल्लर्स लिस्ट द्वारा इस जर्नल को हिंसक पत्रिकाओं के रूप में सूचीबद्ध किया गया था । ईरान सरकार भी इसे यही मानती है | लिंक है - (http://blacklist.hbi.ir/)। 

इस पत्रिका पर आरोप है कि यह अपने आर्थिक लाभ के लिए, सावधानी पूर्वक समीक्षा के बिना ही किसी भी शोध लेख को प्रकाशित कर देती हैं । कन्हैया कुमार के एक सहयोगी वरुण ने “माय नेशन” पत्रिका को बताया कि उन्हें जर्नल के ब्लैक लिस्टेड होने की जानकारी नहीं थी । हमने अपना आलेख ऑनलाइन सबमिट किया है । हो सकता है कि यह यहाँ भारत में ब्लैकलिस्ट न हो । पीएचडी थीसिस जमा करने से पहले एक लेख प्रकाशित होना जरूरी होता है, अतः हमने वही किया, ताकि सरकार हमें किसी भी आधार पर नहीं पकड़ सके। " 

स्मरणीय है कि कन्हैया कुमार ने हाल ही में जेएनयू में अपनी थीसिस जमा की है, जिसे उन्होंने सेंटर फॉर अफ़्रीकी स्टडीज, इंटरनेशनल स्टडीज स्कूल (एसआईएस) में वामपंथी प्रोफेसर एसएन मालकर के मार्गदर्शन में पूरा किया । 'दक्षिण अफ्रीका में decolonization और सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया' शीर्षक से एक लेख इस साल जून में उक्त कुख्यात पत्रिका "आईजेएचईपीएस" में प्रकाशित किया गया था |

एक और बात ध्यान देने योग्य है कि संबंधित पत्रिका की वेबसाइट में 'हमसे संपर्क करें' टैब के तहत सूचीबद्ध व्यक्तियों में से एक मनीष यादव से जब संपर्क किया गया, तो उनका जबाब था - "मैंने संगठन छोड़ दिया है और मैं कुछ भी टिप्पणी नहीं कर सकता हूं।" 

कुल मिलाकर गोयबल्स के चेले बामपंथियों के हर काम में घपले ही घपले, झूठ ही झूठ |
साभार आधार - https://www.mynation.com/news/kanhaiya-kumar-phd-jnu-ugc-blacklisted-journal-ijheps-sis-student-union-pduv4t

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