पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रैंकोइस ओलांद और राहुल गांधी के बीच सांठगांठ – भाजपा का आरोप !


भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार 24 सितम्बर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र' का हिस्सा होने का आरोप लगाया | साथ ही यह भी दोहराया कि सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की राफेल सौदे पर नजर थी, जो असफल होने के कारण वे खिसियाये हुए हैं । 

बीजेपी ने एक प्रवक्ता और दो केंद्रीय मंत्रियों ने इस बहुचर्चित रक्षा सौदे पर लग रहे आरोपों का आक्रामक अंदाज में जबाब दिया । 

मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह एक ऐसा बेसिरपैर का काल्पनिक विवाद है । मैं देश भर में जाऊंगी और धैर्यपूर्वक प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दूंगी । हम निश्चित रूप से इस झूठे प्रचार की कलई खोलने में सफल होंगे । 

अरुण जेटली के ही समान उन्होंने भी 31 अगस्त के राहुल गांधी के उस ट्वीट का उल्लेख किया, जिसमें राहुल ने राफेल विमान को लेकर अगले कुछ हफ्तों में कुछ बड़े रहस्योद्घाटन बम धमाकों की संभावना जताई थी | निर्मला सीतारामन ने राहुल और पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रैंकोइस ओलांद के बीच एक 'सांठगाँठ' की संभावना का भी संकेत दिया। 

ओलांद ने पहले खुलासा किया था कि भारत ने ऑफसेट पार्टनर का सुझाव दिया था। 

निर्मला सीतारामन ने कहा कि राहुल गांधी का ट्वीट और उसके तुरंत बाद श्रीमान ओलांद की टिप्पणी को केवल संयोग नहीं माना जा सकता । इस पूरे प्रकरण में सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय आयाम भी है । 

सुश्री सीतारमण ने कहा कि राफेल सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाए जाने की विपक्ष की मांग को स्वीकार करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। जेपीसी जांच महज "निंदा-मैच" बनकर रह जाएगी। उन्होंने कहा कि सौदे के बारे में सभी तथ्य पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में हैं। 

कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कांग्रेस पर "अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र" का हिस्सा होने का आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि इसे समझने की जरूरत है कि क्यों राहुल गांधी और श्रीमान ओलांद का नेक्सस, भारत के लिए आवश्यक इस रक्षा सौदे को रद्द करवाने की मुहिम छेड़े हुए हैं । 

'निहित स्वार्थ' का आरोप लगाते हुए शेखावत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय यह समझौता केवल इस लिए नहीं हो पाया था क्योंकि श्री वाड्रा से जुड़ी एक निजी कंपनी को बिचौलिए दलाल के रूप में नहीं चुना जा पा रहा था। संजय भंडारी और श्री वाड्रा के बीच दोस्ती जगजाहिर है। जबकि भंडारी श्री वाड्रा की फर्म को दलाल बनाने के लिए दबाव डाल रहे थे । 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस सौदे पर राष्ट्र को गुमराह करने के लिए एक अभियान चलाये हुए है क्योंकि वे फ्रांसीसी निर्माता डेसॉल्ट पर पुनः दबाब बनाना चाहते हैं। 

चूंकि यूपीए शासन काल में भी डेसॉल्ट ने उनकी बात नहीं सुनी थी, अतः कांग्रेस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सौदा अब भी रद्द हो जाए। 

विपक्षी ने जेपीसी की मांग क्यों की है? 

श्री शेखावत ने कहा कि ऐसी जेपीसी हमारी रक्षा तैयारियों, हमारी क्षमता और दक्षता को सार्वजनिक कर देगी। वे हमारे देश की सुरक्षा को कमजोर करना चाहते हैं ।
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