भारतीय विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में चीनी उपस्थिति पर भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी (आईबी) सतर्क



जे एन यू सहित देश के अन्य अनेक विश्वविद्यालयों में भारत तोड़ो गैंग की सक्रियता और देश के अमन चैन को खतरा उत्पन्न करने के प्रयास किसी से छुपे नहीं हैं | वामपंथी अतिवादी बुद्धिजीवी भी समय समय पर हिंसक माओवादी नक्सलवादी गतिविधियों का समर्थन करते दिखाई दे ही जाते हैं | ऐसे में प्रसिद्ध अंग्रेजी अखबार “द ट्रिब्यून में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार, भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों द्वारा एक चोन्काने वाला खुलासा किया गया है |
भारतीय शैक्षिक संस्थानों में बढ़ते चीनी प्रभाव को लेकर खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने गृह मंत्रालय (एमएचए) को सतर्क किया है, इस पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों को इस चुनौती से निपटने के लिए तंत्र तैयार करने के लिए कहा है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार गृह मंत्री ने "भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में चीनी प्रवेश" से उत्पन्न होने वाले खतरों से संबंधित विषय को अत्यंत गंभीरता से लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए कहा गया है।
चीन के बुद्धिजीवियों का एक बड़ा संस्थान है कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट, जिस पर लम्बे समय से "आईबी की निगाहें हैं", क्योंकि एजेंसी का मानना ​​है कि दुनिया भर से जानकारी एकत्र करने के लिए बीजिंग द्वारा उक्त संस्थान का इस्तेमाल अन्य देशों में किया जाता रहा है ।
आईबी द्वारा प्रदान किए गए इनपुट के मुताबिक, मुंबई विश्वविद्यालय में कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट सेंटर की स्थापना हो चुकी है और वेल्लोर, कोयंबटूर और कोलकाता में इसी तरह के केंद्र स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं ।
चीनी विस्तारवादी महत्वाकांक्षायें किसी से छुपी नहीं हैं, वह दुनिया भर में अपना प्रभुत्व ज़माना चाहता है | आईबी ने गृह मंत्रालय को सोंपी अपनी रिपोर्ट में बीजिंग के आक्रामक खुफिया इरादों के खिलाफ चेतावनी दी, साथ ही यह भी उल्लेख किया गया है कि चीनी एजेंसियां, भारत के महत्वपूर्ण व निर्णय लेने वाले व्यक्तियों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए अपने देश की व्यावसायिक संस्थाओं का भी उपयोग कर रही हैं ।
गृहमंत्रालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि चीनी इकाइयों के साथ सहमति पत्र (MOU) पर हस्ताक्षर करने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों / कॉलेजों, द्वारा संचालित छात्र आदान प्रदान कार्यक्रमों पर नजर रखने के लिए एजेंसियों से कहा गया है।
यहां तक ​​कि राज्य सरकारों को भी यह सलाह दी गई है कि वे चीनी गतिविधियों पर नजर रखें और केंद्रीय एजेंसियों को समय समय पर की गई कार्यवाही के विषय में सूचित करें।
मुंबई सेंटर 'जांच के दायरे में'
मुंबई विश्वविद्यालय में चीनी बुद्धिजीवियों के अधिकृत संस्थान “कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट सेंटर” की गतिविधियाँ आईबी के जांच के दायरे में है, जो कि देश के अन्य भागों में भी इसी प्रकार के संस्थान खोलने हेतु प्रयत्नशील है |
सचमुच देश में चल रहे षडयंत्रों को लेकर सरकार के साथ साथ, देशभक्त नागरिकों को भी हर पल सतर्क रहने की आवश्यकता है | जागते रहो जागते रहो |
साभार- The Tribune

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