तीन राज्यों में जीत के बाद भी आखिर क्यों डरे हुए दिख रहे हैं राहुल गांधी ?



सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी राहुल गांधी जिस प्रकार राफेल सौदे को लेकर बेसिरपैर के आरोप लगा रहे हैं, उससे कई बुद्धिजीवियों को हैरत हो रही है | चौकीदार चोर है, कहते समय उन्हें न तो किसी मानहानि के मुकदमे की चिंता है और न ही अदालत की अवमानना करने की चिंता | उनकी आँखों में खौफ की परछाई भी साफ़ दिखाई दे रही थी | आज घटित एक घटना ने उनकी बेचैनी और छटपटाहट के कारण का खुलासा कर दिया है | आईये उनके इस डर के कारण को जानने समझने का प्रयास करते हैं – 

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार अगस्ता वेस्टलैंड चोपर घोटाले में आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक आश्चर्यजनक खुलासा किया है | सीबीआई के अनुसार इस घोटाले के मध्यस्थ क्रिश्चियन मिशेल के पिता वुल्फगैंग मिशेल न केवल पूर्व प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के परिचित थे, बल्कि पूरे गांधी परिवार के बहुत करीबी थे | स्मरणीय है कि क्रिश्चियन मिशेल को हाल ही में पिछले दिनों दुबई से भारत लाया गया है । 

जांच एजेंसी ने मिशेल के इकबालिया बयान की जो रिमांड कॉपी अदालत में जमा की है, उनमें ये टिप्पणियों शामिल हैं । रिपोर्टों के मुताबिक "क्रिश्चियन मिशेल के पिता वुल्फगैंग मिशेल, 1 9 70 के दशक में भारत सरकार के लिए वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदी के परामर्शदाता थे। जांच एजेंसी ने अदालत को सूचित किया है कि क्रिश्चियन मिशेल ने दावा किया है कि उनके पिता ने उन्हें बताया था कि वह गांधीयों से मिलते थे, तथा उसके पिता इन लोगों के बहुत करीबी थे। साथ ही यह भी कि उसके पिता 1 9 70 के दशक से स्व. इंदिरा गांधी को जानते थे और गांधी परिवार के बहुत करीब थे।" 

सीबीआई दस्तावेजों में 1982-83 में भारतीय संसद में घटित एक घटना का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें 'श्री वुल्फगैंग मिशेल' की पहचान के संबंध में उठाये गए एक प्रश्न का उल्लेख है । उस समय तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने अपने जवाब में उन्हें "भारत के मित्र के रूप में मान्य किया था"। 

स्मरणीय है कि पहले भी यह आरोप लगते रहें हैं कि देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक “अगस्ता वेस्ट लैंड चोपर घोटाले” में गांधी परिवार ने रिश्वत ली है। सीबीआई द्वारा किये गए इस खुलासे के बाद कि क्रिश्चियन मिशेल के पिता वुल्फगैंग मिशेल से निकटता के बारे में स्वयं पूर्व प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की स्वीकारोक्ति थी, इन आरोपों को और अधिक वजन मिल गया है। 

कांग्रेस पार्टी की कानूनी विंग विभाग के राष्ट्रीय प्रभारी को क्रिश्चियन मिशेल की रक्षा के लिए भेजे जाने से इस घोटाले में पार्टी की भागीदारी का एक और संकेत मिलता है। 

जबसे क्रिश्चियन मिशेल को भारत में प्रत्यर्पित किया गया है, तबसे ही पूरी पार्टी सदमे में है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी सरकार की इतनी बड़ी सफलता पर एक शब्द भी नहीं कहा है, जबकि इसके पहले तक वे प्रधान मंत्री मोदी सरकार पर अपराधियों और देश छोड़कर भागने वाले भगोड़ों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर चिल्ल पों मचाते रहे हैं । 

कांग्रेस पार्टी बहुत अच्छी तरह से जानती है कि यदि मिशेल ने इस सौदे को लेकर मुंह खोल दिया तो अनेक भारतीय राजनयिकों के मुंह पर, 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के अगस्ता वेस्टलैंड चोपर घोटाले में रिश्वत लेने की कालिख पुत जायेगी । 

लेकिन लगता है कि कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, किन्तु अब वह समय दूर नहीं, जब सभी भ्रष्टाचारियों के नाम सामने आ जायेंगे तथा उनके खिलाफ मोदी सरकार द्वारा कार्रवाई भी की जाएगी। 

इस बीच सीबीआई ने अदालत में दाखिल अपनी रिमांड याचिका में कहा है कि, मामले को जल्द हल करने के लिए उसे मिशेल को कस्टोडियल रिमांड में रखना जरूरी है ताकि विदेशी आरोपी व्यक्तियों और उनके भारतीय सम्पर्कित व्यक्तियों की भूमिका के साथ-साथ बड़े पैमाने पर इटली और स्विट्ज़रलैंड से प्राप्त संदिग्ध दस्तावेजों के कोड वर्ड खोले जा सकें । साथ ही मिशेल के मददगार आईएएफ और अन्य सरकारी कर्मचारियों के नाम और भूमिकाएं जानने के लिए भी उसकी आवश्यकता है| 

क्रिश्चियन मिशेल ऑगस्टा वेस्टलैंड के परामर्शदाता रहे थे और इससे पहले वे वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर लिमिटेड के सलाहकार थे। बाद में दोनों कंपनियों का विलय हो गया था | मिशेल "रक्षा मंत्रालय (एमओडी) और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के अधिकारियों के साथ मिलकर, विक्रेता कम्पनी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे" | 

शायद अब पाठक गण राहुल जी की छटपटाहट का कारण समझ गए होंगे |

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