प्रियंका जी की राजनैतिक पारी शुरू तो श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को किया गया मध्यप्रदेश बदर !


आज अचानक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिवों की मार्केट वेल्यू में जबरदस्त उछाल आ गया |
ईसाई मां की बेटी और ईसाई पति की पत्नी प्रियंका गांधी बाड्रा को जनेऊधारी ब्राह्मण भाई राहुल गांधी ने महासचिव नियुक्त कर दिया |

इस प्रकार अब कांग्रेस के तेरह महासचिव हो गए हैं | पूरे तेरह !


इन नियुक्तियों में एक और ख़ास बात है -

अब एक ओर जहाँ प्रियंका उत्तर प्रदेश का पश्चिमी छोर संभालेंगी तो श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया पूर्वी सिरा थामेंगे |

मोटे तौर पर इसे यूं समझा जा सकता है कि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया निम्नांकित संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस को जीत दिलाने का प्रयास करेंगे –

सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली, पीलीभीत, शाहजहाँपुर, खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, मोहनलाल गंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ और फर्रुखाबाद !

इसी प्रकार प्रियंका बाड्रा के जिम्मे हैं –

इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, फूलपुर, इलाहाबाद, बाराबंकी, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, बहराईच, कैसरगंज, श्रावस्ती, गोंडा, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीरनगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, लालगंज, आजमगढ़, घोसी, सलेमपुर, बलिया, जौनपुर, मछलीशहर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही, मिर्जापुर और रावर्ट्सगंज ! 

अर्थात गांधी परिवार के पुराने किले अमेठी औए रायबरेली को बचाने की जिम्मेदारी सिंधिया जी को सोंपी गई है | जबकि प्रियंका जी नए क्षेत्र में नए लोगों के बीच अपनी चमक बिखेरेंगी | पुरानों के सामने तो कलई खुल चुकी है |

यहाँ एक सवाल और उठता है कि क्या इतनी बड़ी जिम्मेदारी के साथ श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्वयं लोकसभा चुनाव भी लड़ेंगे ? या इस बहाने उन्हें अपने परंपरागत संसदीय क्षेत्र से भी बाहर कर दिया गया है ?

माने मध्यप्रदेश के बाहर कर दिया गया है श्रीमंत को !

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें