1886 में देश की पहली महिला डॉक्टर बन मिसाल कायम करने वाली महिला आनंदीबाई जोशी

देश की पहली महिला डॉक्टर आनंदीबाई जोशी, जिनका जन्म 31 मार्च 1865, पुणे शहर में हुआ ! जिस दौर में महिलाओं की शिक्षा भी दूभर थी, ऐसे में विदेश जाकर डॉक्‍टरी की डिग्री हासिल करना अपने-आप में एक मिसाल है ! जब महिला ही क्या पुरूषों के पास भी पढ़ाई-लिखाई की कोई व्यवस्था नही थी, तब उन्होंने 21 साल की उम्र में यानि 1886 में डॉक्टर की डिग्री हासिल कर ली !

आनंदीबाई जोशी का व्‍यक्तित्‍व महिलाओं के लिए प्रेरणास्‍त्रोत है ! आनंदीबाई की ज़िंदगी भी उस समय की बाकि औरतों जैसी ही थी ! 9 साल की उम्र में अपने से 20 साल बड़े आदमी गोपालराव से शादी, 14 साल की उम्र में पहला बच्चा, परन्तु पैदा होने के मात्र दस दिन ही उस बच्चे की मौत ने उन्हें डॉक्टर बनने की प्रेरणा दी ! आनंदीबाई जोशी के बच्चे को केवल इस वजह से न बचाया जा सका क्यूंकि उनके उस बच्चे को बचाने के लिए कोई डॉक्टर नही था ! अपनी संतान को खो देने के बाद उन्‍होंने यह प्रण किया कि वह एक दिन डॉक्‍टर बनेंगी और ऐसी असमय मौत को रोकने का प्रयास करेंगी ! उनके पति गोपालराव ने भी उनको भरपूर सहयोग दिया और उनकी हौसलाअफजाई की ! आनंदीबाई जोशी ने पेनिसिल्‍वेनिया जाकर डॉक्‍टरी की पढ़ाई की और भारत की पहली महिला डॉक्टर बनीं ! 

आनंदीबाई के इस निर्णय की समाज में काफी आलोचना हुई थी कि एक शादीशुदा हिंदू स्‍त्री विदेश (पेनिसिल्‍वेनिया) जाकर डॉक्‍टरी की पढ़ाई करे ! लेकिन आनंदीबाई एक दृढ़निश्‍चयी महिला थीं और उन्‍होंने आलोचनाओं की तनिक भी परवाह नहीं की ! यही वजह है कि उन्‍हें पहली भारतीय महिला डॉक्‍टर होने का गौरव प्राप्‍त हुआ ! 1886 में 19 साल की उम्र में आनंदीबाई ने एमडी की डिग्री पाने के साथ पहली भारतीय महिला डॉक्‍टर बन दुनिया के सामने मिसाल कायम कर दी ! अपनी डिग्री पूरी करने के बाद आनंदीबाई देश वापस लौटीं लेकिन उस दौरान वे टीबी की बीमारी की शिकार हो गई. सेहत में दिन पर दिन आने वाली गिरावट के चलते 26 फरवरी 1887 में 22 साल की उम्र में उन्‍होंने दुनिया को अलविदा कह दिया ! यह सच है कि आनंदीबाई ने जिस उद्देश्‍य से डॉक्‍टरी की डिग्री ली थी, उसमें वे पूरी तरह सफल नहीं हो पाईं किन्तु उन्‍होंने समाज में वह स्थान प्राप्त किया, जो आज भी एक मिसाल है !

आनंदीबाई देश और दुनिया में एक मिसाल बन गईं ! उनके जीवन पर कैरोलिन वेलस ने 1888 में बायोग्राफी लिखी ! इस बायोग्राफी पर एक सीरियल बना जिसका नाम था 'आनंदी गोपाल', जिसका प्रसारण दूरदर्शन पर किया गया !

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