प्रशांत भूषण द्वारा "आप" के खिलाफ कानूनी लड़ाई का आगाज |
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अंततः देश के जाने माने वकील व “आप” पार्टी के पूर्व सदस्य प्रशांत भूषण ने अपनी पूर्व पार्टी के विरुद्ध कानूनी शंख फूंक ही दिया | आज शनिवार को उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी व दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली सरकार की शिक्षक चयन नीति को लेकर एक कानूनी नोटिस भेजा है। यह पहली बार है जब प्रशांत भूषण द्वारा अपनी पूर्व पार्टी के बिरुद्ध कोई कानूनी मुद्दा उठाया गया है ।
भूषण ने उन दो याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करने का निर्णय लिया है, जो अतिथि शिक्षकों को स्थाई करने संबंधी शिक्षक चयन नीति के विरुद्ध हैं | उनका मानना है कि इससे अन्य योग्य और पात्र उम्मीदवारों को उचित अवसर प्राप्त नहीं होंगे | उन्होंने केवल मौजूदा मौजूदा अतिथि शिक्षकों के लिए आयोजित विशेष परीक्षा को भी चुनौती दी है |
भूषण ने अपने नोटिस का उत्तर देने के लिए सिसोदिया को 7 दिन का समय दिया है, अन्यथा वे अदालत के सम्मुख जाएँगे।
स्मरणीय है कि दिल्ली सरकार ने राज्य में कार्यरत 20,000 अतिथि शिक्षकों की नौकरियों को नियमित करने की घोषणा की थी तथा उनके चयन हेतु एक प्रथक परीक्षा आयोजित करने की बात कही थी | अतिथि अध्यापकों को नियमित करने का उन्होंने वायदा किया था ।
अब “आप” पार्टी के नायक क्या कहेंगे ?
क्या वे कहेंगे – हम काम करना चाहते हैं, लेकिन हमारे अपने काम नहीं करने देते ?
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