इस्लामी स्टेट से सम्बन्ध रखने के आरोप में संयुक्त अरब अमीरात से निर्वासित भारतीय महिला भारत आते ही गिरफ्तार |
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प्रधानमंत्री मोदी की पिछले महीने हुई संयुक्त अरब अमीरात यात्रा के परिणाम सामने आने लगे हैं | स्मरणीय है कि दोनों देशों ने मिलकर आतंकवाद से जूझने का संकल्प किया था | उसी क्रम में संयुक्त अरब अमीरात ने कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से सम्बन्ध रखने के आरोप में दो भारतीयों को वापस भारत भेजा है | इनमें से एक को कल 11 सितम्बर शुक्रवार को आरजीआई हवाई अड्डे पर उतरते ही हिरासत में ले लिया गया |
इससे भी अधिक हैरत की बात यह है कि आतंकी संगठन से सम्बन्ध रखने के आरोप में जो शख्शियत गिरफ्तार हुई वह एक महिला है | इसकी पहचान हैदरावाद की अफसा जबीं के रूप में हुई है | इसने स्वयं को संयुक्त अरब अमीरात में ब्रिटिश नागरिक 'निकी यूसुफ’ दर्शाया हुआ था, तथा सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को इस्लामिक स्टेट में भरती होने के लिए प्रेरित करने की मुहीम चलाये हुई थी |
37 वर्षीय अफसा जबीन हैदराबाद की निवासी है, तथा अबूधावी से लौटने के तुरंत बाद उसे हिरासत में लेकर प्रारंभिक पूछताछ के बाद, हैदराबाद ले जाया गया और उसके खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया ।
हैदराबाद पुलिस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अफसा जबीन पूर्व में भी सलमान प्रकरण में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की जाँच के दायरे में थी | हैदराबाद के ही निवासी सलमान मोहिउद्दीन को इस वर्ष जनवरी में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह तुर्की के रस्ते सीरिया जाने के उद्देश्य से दुबई के लिए उड़ान भरने की तैयारी कर रहा था |
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सलमान ने स्वीकार किया था कि वह दुबई में ब्रिटिश नागरिक 'निकी यूसुफ’ के नाम से अनेक फेसबुक खातों का संचालन कर रहा था | तथा उसे इस्लामी स्टेट ने सीरिया आने के लिए उसे आमंत्रित किया था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सलमान द्वारा दी गई जानकारी से ब्रिटिश सुरक्षा एजेंसियों को अवगत कराया गया था।
अधिकारियों के अनुसार सलमान और अफसा जबीन दोनों मिलकर सोशल मीडिया के माध्यम से अनेक नवयुवकों को जिहाद की गतिविधियों की ओर आकर्षित कर चुके हैं | कहा गया है कि इन दोनों का कार्यक्षेत्र मुख्यतः तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार रहा है |
जबीन बचपन में अबू धाबी चली गई थी और उसकी स्कूली शिक्षा भी वहीं हुई | उसके बाद भारत आकर उसने हैदराबाद में सदन कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में देवेंद्र कुमार उर्फ मुस्तफा से शादी कर ली। सलमान और आयशा का पहला परिचय अमेरिका में हुआ और शीघ्र ही वे दोनों इस्लाम के कट्टरपंथी स्वरुप के प्रतीक बन गए | उन्होंने स्वयं को ब्रिटिश नागरिक के रूप में अबूधावी में स्थापित कर लिया |
2014 में, इराक और सीरिया में खिलाफत की स्थापना के बाद, सलमान और निकी इस्लामी राज्य की गतिविधियों में रुचि लेने लगे और उन्होंने छद्म नामों से अनेक फेसबुक समूह बनाये |
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