शॉपिंग वेबसाइटों पर अब गाय के गोबर से बने कंडे भी उपलब्ध ! चकित हुए क्या ?


आजकल “गाय पर चर्चा” जोरों पर है | इसी चर्चा को आज हिन्दुस्तान टाईम्स में प्रकाशित एक समाचार ने रोचक व विचारणीय मोड़ दे दिया है | समाचार के अनुसार आजकल कई शोपिंग वेव साईट गाय के गोबर से बने कंडे भी ओनलाईन बेच रहे हैं | और मजा यह कि इन्हें लोग खरीद भी रहे हैं | 

ऐसी ही एक वेव साईट है “ShopClues” जिसे "ऑनलाइन करोल बाग" के नाम से भी जाना जाता है और उसे यह नाम पसंद भी ज्यादा है | अनेक छोटे व्यापारी और स्टोर कीपर अपना उत्पाद बेचने के लिए इस वेव साईट से जुड़े हुए हैं | इस वेव साईट के सीईओ संजय सेठी के अनुसार लगभग ढाई लाख व्यापारी उनकी वेव साईट के माध्यम से अपने 6500 प्रकार के उत्पाद उनकी वेव साईट के माध्यम से विक्रय कर रहे हैं |

इनमें से ही एक उत्पाद है “गोबर के कंडे“, जिसे इंग्लिश नाम दिया गया है “Cow dung cake” | नवरात्रि पूजा के इन दिनों में, महानगरों में ही नहीं शहरों में भी आस्तिक लोगों को यज्ञ, हवन अथवा माता की जोत के लिए, कंडे सहज सुलभ नहीं होते | इस कारण इन दिनों बिक्री जोरों पर है | इसे ध्यान में रखकर कम्पनी द्वारा अपनी सूची मूल्य पर 31% की छूट भी दी जा रही है ।

शायद आपको यह जानकर हैरत होगी कि केवल ShopClues ही नहीं तो “ईबे” जैसी प्रतिष्ठित अमेरिकी कंपनी की भारतीय इकाई भी 280 रुपये में 24 कंडे बेच रही है | इसका व्यापारिक नाम दिया है “greenjunction07” । इसे महत्व देते हुए "नवीन और हानि रहित उत्पाद" के रूप में दर्शाया गया है ।

वैश्विक साइट Amazon.com की भारतीय शाखा Amazon.in पर भी कंडे उपलब्ध हैं । केक जैसे आकार के एक टुकडे की कीमत रखी गई है $ 11.99 । दिलचस्प बात यह है कि amazon.com ने इसका नाम भी हिंदी शब्द 'गोबर' ही रखा है।

यह समाचार कैसा लगता है रोचक, हैरतअंगेज अथवा विचारणीय ? इस प्रश्न का उत्तर पढ़ने वालों की अपनी समझ और मानसिकता के अनुसार अलग अलग हो सकता है | किन्तु इतना तय है कि सृष्टि के जिन अनेक प्राणियों को इंसान ने नष्ट कर, दुर्लभ प्रजाति का बना डाला हैं, उनमें एक नया नाम “गाय” भी देर सबेर जुड़ ही जायेगा | 

इस उपयोगी जीव की ह्त्या केवल मांसाहारी ही नहीं कर रहे तो गौ स्वयं भी पन्नियाँ खा खाकर आत्महत्या कर रही है, इस असार संसार से विदा लेने पर उतारू है |

पता नहीं गौमांस की गुलाबी क्रान्ति के स्थान पर गौ दुग्ध की श्वेत क्रान्ति कब आयेगी ? आयेगी भी या नहीं ? गौ मांस का एक्सपोर्ट घटे और दुग्ध उत्पादन बढे, इसे प्राथमिकता कब मिलेगी ? 

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