शिवपुरी के 12 वर्षीय मासूम उत्सव की हत्या से उपजते सवाल - साम्प्रदायिक आधार पर अपराधियों को मिलने वाला सहयोग !


जिले के बहुचर्चित उत्सव हत्याकाण्ड में बुधवार को विशेष न्यायाधीश कमर इकबाल खान ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए छात्र उत्सव गोयल का अपहरण कर उसकी हत्या करने वाले दो आरोपियों अकील पुत्र वकील खां और फिरोज पुत्र बाबू खां को आजीवन करावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

2 मार्च 2013 का उत्सव गोलय पुत्र कमल गोयल उम्र 12 वर्ष का जो हैप्पीडेज का छात्र था उसका अपहरण ट्यूशन जाते समय गांधी पार्क से कर दिया था। इसके बाद अपरहणकर्ताओ ने उत्सव के पिता कमल गोयल से फिरौती के रूप में 5 लाख रूपए मांगे।

इस घटना का एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए हैप्पीडेज स्कूल में छात्रों को लाने लेजाने वाले वाहन के चालक को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया | किन्तु नगर के प्रभावी उद्योगपति व सिंधिया राजघराने के अत्यंत नजदीकी माने जाने वाले स्कूल संचालक ने फोन कर उसे छुडा दिया | कहा जाता है कि उसके बाद भेद खुलने के डर से ड्राईवर ने अपने अन्य साथियों को मोवाईल पर निर्देशित किया कि वे उत्सव को मार डालें | तदनुसार उत्सव के सर पर गाडी के पाने से चोट पहुंचाकर अमोला के नजदीक सिंध नदी में डुबाकर मार डाला गया |

जब यह घटना प्रकाश में आई, तो उसके बाद शिवपुरी वासियों का गुस्सा इतना तीव्र था कि आक्रोशित जनता ने माधव चौक स्थित अष्टधातु की बनी स्व. माधवराव प्रथम की प्रतिमा को उखाड़कर आग के हवाले कर दिया | उत्सव के दुखी माता-पिता ने शहर ही छोड़ दिया | बताया जाता है कि उनका मानना रहा कि ऐसे शहर में क्या रहना, जहाँ उनके बेटे के हत्यारों को नामचीन हस्तियों की सरपरस्ती हासिल हो |

इस मामले का एक अन्य आरोपी शाकिर खां पुत्र रियाज खां निवासी संजय कॉलोनी अभी तक फरार बना हुआ है। इस मामले में सजा के बाद जब दोनो हत्यारो को जेल ले जाया रहा था, तो दोनों के चेहरो पर कोई मलाल नही था बल्कि दोनो हंस रहे थे और फोटो खीचने पर प्रेसकर्मियो को गालियों से नबाज रहे थे।

दरअसल यही वह मानसिकता है जो आज देश में नासूर बनी हुई है | अपराधियों के प्रति साम्प्रदायिक आधार पर सहयोग करना, व उनके प्रति समर्थन जताना ही प्रगतिशीलता की निशानी है | अगर वे केवल हॉर्न बजाने पर नाराज होकर किसी ऑटो वाले को मार डालें तो सामान्य बात है, टीवी चेनलों पर इसकी चर्चा भी नहीं होती, इसके विपरीत किसी मामले में हिन्दू आरोपी बन जाएँ तो आसमान सिर पर उठा लिया जाता है |

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