आदि काल से भारत वर्ष में गाय को माता के समान माना जाता है ! गाय को मां समझ कर उसकी सेवा की जाती है ! गाय वास्तव में सारे जगत की माता है ! ‘मातरः सर्व भूतानाम गावः सर्व फल प्रदाम’ वह धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के साथ-साथ और भी कोई फल है तो भी प्रदान करती है !
वैदिक सनातन धर्म में गाय को माता के समान सम्मानजनक स्थान प्राप्त है ! गाय सदैव कल्याणकारिणी तथा पुरुषार्थ-चतुष्टय की सिद्धि प्रदान करने वाली है ! मानव जाति की समृद्धि गाय की समृद्धि के साथ जुड़ी हुई है इस सन्देश को जन जन तक पहुंचाने हेतु मध्यप्रदेश के शिवपुरी में युवाओं का एक समूह उठ खड़ा हुआ है जो प्रतिदिन गौमाता की सेवा निश्वार्थ भाव से कर रहा है ! गौ सेवकों के इस कार्य को शहरवासी भी सराह रहे है और अपना सहयोग भी प्रदान कर रहे है !
भोर होते ही इन गौसेवकों का दल गौमाता की सेवा हेतु निकल पड़ता है और बीमार और दुर्घटनाग्रस्त गौवंश का उपचार करवाता है !
गौ सेवकों का निवेदन :
चूंकि गौमाता में सभी देवी देवताओं का वास है अतः सुबह उठकर गौमाता के दर्शन अवश्य करें !
संभव हो तो घर में कम से कम एक गाय अवश्य रखें !
प्रतिदिन गौमाता के नाम पर एक रुपया अवश्य दान करें !
घर में देसी गाय के उत्पाद दूध,घी,दही का ही प्रयोग करें !
सर्व देवमयी गौमाता का चित्र घर में अवश्य लगायें !
लाखों गौवंश की मृत्यु का कारण बनी प्लास्टिक थैलियों का उपयोग पूर्णतः बंद करें !
गायों के लिए रोटी निकलने का संस्कार परिवार में अवश्य डालें !
चंडी के वर्क लगी मिठाइयों का विरोध करें !
पीड़ित एवं रूग्ण गौवंश का औषधोपचार करें !
गौ ग्रास प्रदान करने के बाद ही प्रतिदिन भोजन करें !
गौसेवा के इस पुनीत कार्य में शहर के सुनील के व्यास रायश्री, शशांक चौहान, राज कर्णावत, जीतेन्द्र समाधिया, हिमांशु शर्मा, गौरव हरितवाल, रोहित बंसल, कुलदीप डंडोतिया, मुकेश राठौर, सौरव दुबे, दिवाकर शर्मा आदि गौसेवक शामिल है !
यदि कोई भी व्यक्ति गौसेवा के इस पुण्य कार्य में अपना सहयोग प्रदान करना चाहता है तो वह इन नंबरों पर संपर्क कर सकता है –
8109449187,9009412445,9074221128,8871531366,9827288821,8878697457,8815287438
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