कमाल है हम टेक्स देंगे या करेंगे समाज सेवा ?



हर वर्ष टेक्स बढ़ना आम बात है ! यह वर्ष भी कोई अपवाद नहीं रहा ! लेकिन टेक्स देने वालों में समाज सेवा की भावना को जगाना महत्वपूर्ण है ! बैसे इस नीति का प्रयोग पिछले साल से ही सरकार ने करना शुरू कर दिया था, जब आग्रह किया गया कि नागरिक अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ें, और हैरत की बात है कि बड़ी संख्या में लोगों ने इस आग्रह को स्वीकार किया ! यह स्वेच्छा से दिए जाने वाले कर का एक प्रमाण है ! सरकार ने सभी कर योग्य सेवाओं पर 0.5% का स्वच्छ भारत उपकर लगाया ! उसका भी आमतौर पर स्वागत ही हुआ !

इस वर्ष बजट 2016-17 में वित्त मंत्री ने जहाँ कारों पर टेक्स बढ़ाया, वहीं दूसरी ओर सभी कर योग्य सेवाओं पर 0.5% कृषि कल्याण उपकर लगाने की घोषणा भी की ! बुनियादी ढांचे को ठीक करने के लिए टेक्स को इस प्रकार समाज से जोड़ने का प्रारम्भ सबसे पहले अटल जी की सरकार के समय हुआ था, जब डीजल पेट्रोल पर एक रूपया प्रति लीटर लेकर उसका उपयोग ग्रामीण क्षेत्र में सडकों का जाल बिछाने के लिए किया गया था और उसका सुपरिणाम आज तक हम देख रहे हैं ! अब इस वर्ष ग्रामीण व कृषि क्षेत्र में यह नया प्रयोग युगांतरकारी सिद्ध हो सकता है !

आयकर के मोर्चे पर टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया, किन्तु पहली बार मकान खरीदने वालों को 35 लाख तक के ऋण पर ब्याज में 50,000 रुपये की छूट की घोषणा की गई ! बशर्ते मकान की कुल कीमत 50 लाख रुपये से अधिक नहीं हो ! इसके अतिरिक्त 60 वर्ग मीटर तक के मकान पर सर्विस टेक्स में छूट दी गई !

सेवानिवृत्ति के समय नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) वापसी के 40% को कर मुक्त किये जाने की घोषणा की गई । इसके साथ ही नए कर्मचारियों के ईपीएफ़ का 8.33% का भुगतान सरकार करेगी ! कुल मिलाकर यह बजट सामाजिक परिवर्तन का वाहक है !

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