कोलकता में राष्ट्र विरोधी वामपंथी समूहों के विरोध में विराट प्रदर्शन !


कोलकता से उपानंद ब्रह्मचारी की रिपोर्ट

जादवपुर विश्वविद्यालय ने आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भाजयुमो के प्रदर्शन के रूप में राष्ट्रवादी चेतना का अभूतपूर्व दृश्य देखा ! राष्ट्र विरोधी वामपंथी समूहों के विरोध में आयोजित इस विराट प्रदर्शन में हजारों छात्रों ने भाग लिया ।

कोलकता | 18 फ़रवरी 2016 :: कांग्रेस शासनकाल में अपनी अनर्गल बौद्धिकता और विध्वंसक वाक्य रचना के साथ कट्टरपंथी वामपंथी शक्तियां जेएनयू और जेयू सहित देश के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में अपनी जड़ें जमाती रहीं | अंततः उनका राष्ट्र विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ और राष्ट्रवादी शक्तियों ने उन्हें उनकी ही भाषा में जबाब देना शुरू कर दिया है ।

इनका मूल मकसद है – भारत को टुकडे टुकडे करना, जोकि JNU में लगाए गए उनके नारे से प्रतिध्वनित भी होता है | ये पाकिस्तान समर्थक है, इसीलिए अफजल गुरु, गिलानी और याकूब मेमन पर इन्हें प्यार उमड़ता है | ये कश्मीर, मणिपुर और नगालैंड को देश से प्रथक देखना चाहते हैं | किस ऑफ़ लव के नाम पर लव जिहाद को बढ़ावा और सार्वजनिक गोमांस भक्षण द्वारा देश की अखंडता और भाईचारे को तहस नहस करने का इनका मकसद अब सबके सामने आ चुका है | और अब राष्ट्रीय एकता के समर्थकों ने इन गद्दारों को खुली चुनौती दे दी है ।

कम्यूनिस्टों की मांद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में जब खुले आम 'कश्मीर की आजादी की मांग उठी और एक षड्यंत्र के तहत शहीद के रूप में अफजल गुरु का स्तुति गान हुआ, तो इसकी प्रतिक्रिया स्वरुप देश भर में मानो राष्ट्रवादी शक्ति का तूफ़ान ही उठ खड़ा हुआ !

16 फ़रवरी को कन्हैया की गिरफ्तारी के विरोध के नाम पर जाधवपुर विश्वविद्यालय के कट्टरपंथी, आइसा, डीएसओ, एसएफआइ आदि ने रैली निकालकर नारे लगाए – छीन के लेंगे आजादी', 'कश्मीर ने माँगी आजादी', 'मणिपुर भी बोले आजादी', 'आरएसएस से आजादी', 'मोदी सरकार से आजादी', 'अफजल बोले आजादी', 'गिलानी बोले आजादी' | तो इसके जबाब में 17 फरवरी को भाजपा की रैली का स्वर था – घर घर में घुसकर मारेंगे, जिस घर से अफजल निकलेगा'।

17 फ़रवरी को दोपहर लगभग 3 बजे जाधवपुर विश्वविद्यालय परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विशाल रैली हुई | रैली समाप्त होने के बाद कई छात्रों ने पिछले दिन हुई रैली के पोस्टर जिन पर अफजल गुरु और आजाद कश्मीर के समर्थन में नारे लिखे हुए थे, फाड़ना शुरू कर दिया | जब जादवपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के वामपंथी एजेंटों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो संघर्ष शुरू हो गया ।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि अधिकाँश छात्रों ने स्वयं को अफजल समर्थक नारे लगाने वालों से अलग रखा | इन लोगों के अनुसार नारे लगाने वाले बाहरी तत्व थे ।

उप कुलपति सुरंजन दास ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने सुबह छात्र संघ नेताओं से मुलाकात की थी और उन्होंने बताया कि वे राष्ट्र विरोधी नारों के साथ नहीं हैं । लेकिन इससे गद्दारों के खिलाफ जनता का गुस्सा कम नहीं हुआ |

देश के गद्दारों के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की कोलकाता यूनिट और भाजयुमो की दक्षिण कोलकाता इकाई ने संयुक्त रूप से 18 फरवरी को फिर से दोपहर 12 बजे गोल पार्क से जादवपुर विश्वविद्यालय की ओर कूच किया | किन्तु उन्हें जादवपुर पुलिस स्टेशन के पास रोक दिया गया ।

रूपा गांगुली, लॉकेट चटर्जी, जॉय प्रोकाश मजूमदार, और चंद्र बोस आदि भाजपा नेता भी रैली में शामिल थे | ये लोग विरोध स्वरुप पुलिस बेरीकेट के नजदीक सड़क पर बैठ गये ।

इस अवसर पर भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि हम, शैक्षिक परिसर में राष्ट्र विरोधी तत्वों को बर्दास्त नहीं कर सकते | जो लोग कश्मीर की आजादी की बात करते हैं, या अफजल गुरु का महिमा मंडन करते हैं, वे स्पष्ट रूप से राष्ट्र विरोधी हैं। सरकार को उन्हें दंडित करना चाहिए ।

चटर्जी ने जेएनयू जू मुद्दे पर चुप्पी के लिए ममता बनर्जी की तीखी आलोचना की है | उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बाहर से तो कवि गुरू रवीन्द्रनाथ की बात करती हैं, किन्तु वस्तुतः वे अंतर्मन से अफजल गुरु को ही प्यार करती हैं !

भाजपा के राज्य स्तरीय पदाधिकारी सायंतन बसु ने कहा कि बंगाल में राष्ट्रवादी ताकतों का एक जुट होना जरूरी है, ताकि समाज और राजनीति में बुरी ताकतों को बेनकाब किया जा सके और राष्ट्र विरोधी ताकतों के हाथों से बंगाल को बचाया जा सके ।

आज ही पश्चिम बंगाल भाजपा के मीडिया प्रभारी कृशानु मित्रा ने जाधवपुर विश्वविद्यालय की स्थिति को लेकर माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (2016 से 3115) भी दायर की।

मित्रा के अनुसार हम बातचीत के माध्यम से संबंधित छात्रों की राष्ट्र विरोधी मानसिकता बदल सकते हैं। लेकिन इन्हें राष्ट्र विरोधी और आतंकवादी अवधारणा में धकेलने वाले शिक्षक कहीं ज्यादा खतरनाक हैं। पुलिस को चाहिए कि उनकी पहचान कर उंके खिलाफ उचित कार्रवाई करे । हमने कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष अफजल और कश्मीर की आजादी के समर्थक तत्वों की विध्वंसक गतिविधियों की पूरी जानकारी रख दी है और एनआईए जांच की मांग की है ।

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