केरल में निगलना है जहर - एक कड़वा तो दूसरा मीठा !


केरल में इसी वर्ष चुनाव होने जा रहे हैं, तो स्वाभाविक ही देश की नजर केरल की राजनैतिक दशा दिशा पर केन्द्रित है | केरल में जहाँ एक ओर वर्तमान कांग्रेसनीत यूडीएफ सरकार के पांच वर्षीय कामकाज की समीक्षा मतदाता करेंगे, तो वहीं दूसरी ओर विकल्प के रूप में वाम मोर्चा है | भाजपा इस बार शक्ति लगा रही है, तो महज खाता खुल जाए, इस प्रत्याशा में | अभी तक कभी भाजपा या उसके पूर्व जनसंघ का एक भी सदस्य केरल विधानसभा के लिए कभी नहीं चुना जा सका |

वर्तमान ओमन चांडी की सरकार पूरी तरह साम्प्रदायिक आधार और तुष्टीकरण नीति पर काम करती रही है | सम्पूर्ण देश में किसी धार्मिक समुदाय को इतनी बड़ी तादाद में निःशुल्क भूमि का आवंटन नहीं किया गया होगा, जितना केरल में केथोलिक चर्चों को हुआ है | राजस्व मंत्री अदूर प्रकाश के निर्वाचन क्षेत्र पथानामथिट्टा जिले के कोन्नी में मलनकारा कैथोलिक चर्च को लगभग 7.9 एकड़ जमीन नि: शुल्क प्रदान की गई है | मजा यह कि कोन्नी का यह चर्च पहले से ही ईसाई जगत का जागीरदार माना जाता रहा है। यूडीएफ सरकार के इस कदम ने मानो मधुमक्खी के छत्ते में पत्थर मारने का काम किया है | न केवल राजनैतिक हलकों में बल्कि आमजन में भी इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई है | परिणामस्वरूप प्रशासनिक हलकों में भी हडकंप सा मच गया है | ओमन चांडी सरकार ने आगामी चुनावों की दृष्टि से धार्मिक समूहों और समाज के प्रभावशाली हस्तियों को बड़े पैमाने पर भूमि आवंटन को अपनी तुष्टीकरण नीति के एक हिस्से के रूप में रखा है | 

सूत्रों के अनुसार 4 मार्च, 2016 को दो अलग अलग आदेश प्रसारित कर सरकार ने केरल भूमि असाइनमेंट नियम, 1964 की धारा 24 के तहत कोन्नी तालुके के गाँव थन्नीथोड़े में 7.9 एकड़ जमीन चर्च के लिए आवंटित की गई | यह भूमि सर्वे क्रमांक 294/1, 294/1, 229/3, 244/2 और 8/2 पर अंकित है | महत्वपूर्ण बात यह है कि धारा 24 के अंतर्गत भूमि आवंटन केवल जनहित के आधार पर किया जा सकता है । पहले आदेश में चर्च को जो 3.90 एकड़ जमीन आबंटित की गई है उसका कोई कारण नहीं बताया गया है | जबकि दूसरे आदेश में 4.06 एकड़ जमीन एक स्कूल के रूप में आवंटित की गई है, जो अब वहां चल रहा है ।

इस प्रकार वस्तुतः केरल की कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार चर्चों के माध्यम से हिन्दू विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। केरल में विदेशी धन की दम पर संचालित चर्च बड़े पैमाने पर धर्मांतरण के कार्य में जुटे हुए है । ऐसे में चर्चों को बड़े पैमाने पर भूमि देकर, चर्च सहयोगी ओमन चांडी सरकार भी केरल में और सटे राज्यों में हिंदुओं के धर्मांतरण को सहज, सरल और सुगम बनाने के अभियान में लगी है ।

लेकिन हिन्दुओं के सामने तो इधर कुआ और उधर खाई जैसी स्थिति है | एक ओर चर्च परस्त ओमन चांडी की वर्तमान सरकार है, तो दूसरी ओर मुस्लिम तुष्टीकरण के आधार पर काम करने वाला हिंसक वाम मोर्चा | कम्यूनिस्टों द्वारा की गई अनगिनत हत्याओं से भी हिन्दू समाज सहमा हुआ है | एक ओर कड़वा जहर तो दूसरी ओर मीठा जहर | निगलना तो जहर ही है |

आधार - http://hinduexistence.org/2016/03/20/anti-hindu-kerala-govt-gives-huge-lands-to-churches-dole-out-continues/kerala-under-christianity/
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