झाबुआ का शिवगंगा प्रकल्प - जनभागीदारी से विकास की अनूठी दास्ताँ |

इन दिनों झाबुआ की हाथी पांव की पहाड़ियों पर पुरानी परंपरा की नई शुरूआत हुई है। एक दिन में 15 से 20 हजार कंटुरों का निर्माण कर दिया गया। 8 से 10 हजार लोगों ने दिन भर मेहनत कर पानी रोकने के लिए गड्ढों की खुदाई की। आपको जानकर हैरानी होगी कि, इतना सब होने के बाद भी इस काम में एक रुपया भी नहीं लगा।

यह अभूतपूर्व चमत्कार हुआ, पुरानी वनवासी हलमा परंपरा को पुनर्जीवित करने से | देखिये न विधायक शान्तिलाल बीलवाल भी हाथीपावा पर हलमा में शामिल हुये। न कोई तामझाम न कोई प्रदर्शन अकेले आये हलमा किया और चले गये। उनके जैसे और महानुभाव भी आये और उनके इस तरह हलमा में शामिल होने से संदेश यही गया कि हलमा प्रदर्शन का नहीं अपितु करने का काम है। 

इस परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए जिन लोगों ने अथक परिश्रम किया, उनमें से एक हैं श्री महेश शर्मा | शिवपुरी में संघ प्रचारक रहे महेश जी, आज संन्यासीवत जीवन जी रहे हैं | वनवासी अंचल में जल समस्या निवारण को समर्पित महेश जी और उनका शिवगंगा प्रकल्प, जनभागीदारी से विकास की नई इबारत लिख रहे हैं | जनभागीदारी और वह भी वनवासी बंधुओं की | प्रणाम महेश जी |


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