जाकिर नाईक और पीस टीवी !

एक हैं जाकिर नाईक ! कहने कि डॉक्टर हैं, लेकिन इस्लामिक धर्म गुरु के रूप में कुख्यात है ! कुख्यात इसलिए. क्योंकि वे पीस टीवी के जरिए उर्दू, बंगाली और चीनी भाषा में इस्लाम की जो व्याख्या करते हैं, उससे अनेक नौजवान आतंक की दुनिया में पदार्पण करते हैं ! इसका ताजातरीन उदाहरण सामने आया है । बताया जा रहा है कि ढाका हमले में शामिल रहे दो आतंकी ज़ाकिर नाईक से प्रभावित थे। 

हालांकि ज़ाकिर नाईक मुंबई में 12 जुलाई को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखेंगे। प्रेस कांफ्रेंस में तो वे जो बोलेंगे सो बोलेंगे ही, किन्तु उनकी प्रतिक्रिया तो सामने आ ही चुकी है ! नाईक ने कहा है कि दुनिया भर में उनके हज़ारों समर्थक और फॉलोअर्स हैं और वह यह जानकर कतई हैरान नहीं हैं कि हमलावर उनसे प्रभावित थे। नाईक ने कहा कि मेरे फेसबुक पर एक करोड़ चालीस लाख से ज्यादा फ़ॉलोअर्स हैं। दो करोड़ से ज्यादा लोग मुझे सुनते हैं। मेरे फ़ेसबुक फ़ॉलोअर्स की एक बड़ी संख्या बांग्लादेश से है। करीब 90% बांग्लादेशी मुझे पहचानते हैं जिसमें नेता, आम आदमी और छात्र शामिल हैं। इसमें से आधे मेरे फैन हैं। हमलावर मुझे जानते हैं ये जानकर क्या मुझे हैरानी होनी चाहिए थी? ...नहीं।

अब देखते हैं कि अपनी पीस टीवी पर वे आखिर कहते क्या है ?

ज़ाकिर नाईक साहब फ़रमाते हैं कि यदि कोई व्यक्ति मुस्लिम से गैर-मुस्लिम बन जाता है तो उसकी सज़ा मौत है, यहाँ तक कि इस्लाम में आने के बाद वापस जाने की सजा भी मौत है…नाईक साहब फ़रमाते हैं कि चूंकि यह एक प्रकार की “गद्दारी” है इसलिये जैसे किसी देश के किसी व्यक्ति को अपने राज़ दूसरे देश को देने की सजा मौत होती है वही सजा इस्लाम से गैर-इस्लाम अपनाने पर होती है…

गोया कि इसका सीधा सा मतलब है कि इस्लाम में “आना” वन-वे ट्रैफ़िक है, कोई इस्लाम में आ तो सकता है, लेकिन जा नहीं सकता, मुम्बईया फ़िल्मों में अण्डरवर्ल्ड माफ़िया भी कुछ ऐसा ही डायलोग मारते, हमने आपने सबने सुना है !

ज़ाकिर नाईक साहब आगे फ़रमाते हैं कि मुस्लिम देशों में किसी अन्य धर्मांवलम्बी को किसी प्रकार के मानवाधिकार प्राप्त नहीं होने चाहिये, यहाँ तक कि किसी अन्य धर्म के पूजा स्थल भी नहीं बनाये जा सकते, सऊदी अरब आदि का उदाहरण देते हुए वे कहते हैं कि इस्लाम ही एकमात्र धर्म है, बाकी सब बेकार हैं । जाहिर है कि ज़ाकिर नाईक के अनुसार मुस्लिम लोग तो किसी भी देश में मस्जिदें बना सकते हैं लेकिन इस्लामिक देश में चर्च या मन्दिर नहीं चलेगा। 

ओसामा बिन लादेन को लेकर नाईक के विचार काफी चर्चित हुए थे ! जाकिर ने कहा था कि यदि ओसामा बिन लादेन इस्लाम के दुश्मनों को भयभीत कर रहा है, उन्हें टेरेराईज कर रहा है, मैं उसके साथ हूँ ! यदि वह सबसे बड़े आतंकी (टेरेरिस्ट) अमरीका को डरा रहा है, तो मैं उसके साथ हूँ !

उनके इन्हीं विचारों के कारण ब्रिटेन, मलेशिया, कनाडा में इनको प्रवेश की अनुमति नहीं है ! 

हैरत की बात यह है कि हमारी सरकार सो क्यों रही है ? पाकिस्तान में छुपे बैठे आतंकी सरगनाओं को तो जाने दें, मुम्बई में बैठे जाकिर नाईक जैसे लोगों पर नकेल लगाने के लिए क्या 66 इंच का सीना चाहिए, 56 इंच शायद कुछ कम है ! पीस टीवी जैसे चेनल, जिनसे आतंकी प्रेरणा लेते हैं. यह तथ्य सामने आने के बाद भी, क्या उन पर रोक नहीं लगाई जा सकती ?

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