जनभागीदारी से लातूर की जल समस्या का निदान !


वर्षों से खराब मानसून के चलते सूखे के कारण संभवतः मराठवाड़ा में लातूर की स्थिति ही सर्वाधिक चिंताजनक रहती आई है है। भीषण गर्मी और अभूतपूर्व सूखा, मरीजों से भरे अस्पताल और शहरों की ओर पलायन करते ग्रामीण, यही तथा कथा बन गई लातूर की ! हालत इतनी गंभीर हो गई कि पानी को लेकर होने वाले झगड़े झंझटों को रोकने के लिए मार्च में राज्य सरकार को पूरे इलाके में धारा 144 लगानी पडी ! एक स्थान पर पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाई गई ! 

पानी की कमी को देखते हुए 342 किलोमीटर दूर पश्चिम महाराष्ट्र के मिराज से, एक पानी ट्रेन लाई गई, जिससे आये पांच लाख लीटर पानी से किसी प्रकार शहर में पीने के पानी की आपूर्ति संभव हुई ! 

इस विषम स्थिति को देखकर शहर के जागरूक और प्रभावशाली नागरिकों ने स्थिति को बदलने की ठानी ! उन्होंने जन सहयोग से नजदीकी मंजरा नदी के एक खंड को चौड़ा करने का काम शुरू किया ! देखते ही देखते यह एक आन्दोलन बन गया और इसे नाम दिया गया – जलयुक्त लातूर ! 8 अप्रैल से प्रारम्भ इस परियोजना की अनुमानित लागत 7.5 करोड़ है ! आशा है कि इस परियोजना से लातूर की जल समस्या का स्थाई समाधान हो सकेगा ! परियोजना में मंजरा नदी के साई से नागझरी तक के 18 किलोमीटर क्षेत्र को तीन मीटर से अधिक गहरा 80 मीटर चौड़ा किया जाएगा ! लातूर की जरूरत का पर्याप्त पानी हो जाएगा अर्थात प्रति दिन 20 लाख लीटर । अभी तक यह कार्य 15 किलोमीटर पूर्ण भी हो चुका है !

विगत दिनों नागेश्वर मंदिर के प्रांगण में आयोजित जलपूजन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने लातूर जलयुक्त समिति के कार्य की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय हाथ पर हाथ धरे न बैठकर पूरे धैर्य एवं साहस के साथ जनभागीदारी का एक अद्वितीय उदाहरण लातूर वासियों ने निर्माण किया है ! उन्होंने शुभकामना दी कि यह प्रयास देश का दिशादर्शक बने ! 

सरसंघचालक जी ने लातूर जलयुक्त समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोकराव जी कुकडे काका के कार्य का विशेष उल्लेख किया ! उन्होंने कहा कि समाज में अलग अलग विचार और मतभेद हो सकते हैं, परंतु समाज समझ बूझकर जब विचार करता है, तब सब एक विचार से चलते हैं ! लातूर में यही हुआ है और ऐसा ही समाज संघ को अपेक्षित है ! लातूर में जलसमस्या जब गंभीर बनी, तब लातूर वासियों ने परिस्थिति से पलायन न करते हुए "एकमेका साह्य करू अवघे धरू सुपंथ" इस उक्ति के अनुसार मिलजुलकर कार्य किया, ऐसा ही कार्य देश का दिशादर्शक बनेगा !

कार्यक्रम के मंच पर लातूर जलयुक्त समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोकराव जी कुकडे काका उपस्थित थे ! वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जलपूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ. गंगा माता की जय, भारत माता की जय का उद्घोष हुआ !

डॉ. अशोकराव कुकडे काका ने जलयुक्त लातूर व्यस्थापन समिति के सभी 11 सदस्यों का परिचय कराया. अपने प्रास्ताविक भाषण में उन्होंने लातूर के इस कार्य की विस्तृत जानकारी दी ! लातूर पाणी बानी ने सभी को एकत्र किया, जनभागीदारी से ही यह कार्य संपन्न हुआ ! जनता की, जनता द्वारा, जनता के लिये चलाई गई यह मुहिम है ! आर्ट ऑफ लिविंग के मकरंद जाधव और निलेशजी ठक्कर ने लातूर के इस प्रकल्प की उपलब्धि की जानकारी दी ! कार्यक्रम का संचालन जोगेंद्र सिंह बिसेन ने किया, सुनील जी देशपांडे ने आभार व्यक्त किया ! अरुणजी डंके के शांति मंत्र पठन पश्चात कार्यक्रम संपन्न हुआ.


एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें