सोशल मीडिया की ख्यातनाम शख्सियत शेफाली वैद्य जी का आम भारतीय हिन्दू को सुझाव !



अक्सर मुझसे पूछा जाता है कि हम जैसे साधारण हिन्दू अपने धर्म के लिए क्या कर सकते हैं?' 

मैं धर्म की कोई विशेषज्ञ तो नहीं हूं, लेकिन ये दस आसान कदम हैं जिन पर चलकर हम व्यक्तिगत स्तर पर अपनी हिंदुत्व की पहचान कायम रख सकते हैं, फिर भले ही हिन्दू द्रोही क्रिस्लामोकोमी (ईसाई, मुस्लिम, बामी) माफिया हमारे खिलाफ एकजुट होकर कितने ही षड्यंत्र क्यों न करते रहें । 

1) यदि आपके बच्चे या भतीजे या भतीजी हैं, या आपके पड़ोस में बच्चे हैं, तो उन्हें हमारे इतिहास और धर्म से सम्बंधित गाथाएँ बताएं। उनके लिए चिन्मय मिशन द्वारा प्रकाशित अमर चित्र कथा जैसी पुस्तकें खरीदें। छुट्टियों पर उन्हें हिंदू मंदिरों में ले जाकर वहां की उत्कृष्ट वास्तुकला के दर्शन करायें, और जब वे आपसे किसी खंडित मूर्ति के विषय में पूछें कि यह कैसे हुआ, तो उन्हें सच बतायें। उन्हें पता होना ही चाहिए । 

2) आपके घर में एक पूजा स्थल अवश्य हो। वहां नियमित पूजन हो। दीपक लगाकर आरती हो । स्कूल के लिए बाहर जाते समय पहले अपने बच्चों से वहां प्रार्थना कराएं । यदि आप इसे दैनंदिन रूप से करते हैं तो बस कुछ आसान श्लोक भी उन्हें कंठस्थ कराएं, इतना भर उन्हें धर्म से जोड़े रखने के लिए पर्याप्त है। 

3) इतिहास और धर्म जैसे विषयों को पहले खुद पढ़ें और स्वयं को भलीभांति शिक्षित करें। Www.voiceofdharma.org और https://factmuseum.com/free-rare-books/ जैसी वेबसाइटें हिंदू धर्म, भारतीय इतिहास और अन्य भारतीय विषयों पर उत्कृष्ट निःशुल्क ऑनलाइन संसाधन हैं। क्रिस्लामोकोमी केवल इस आधार पर ही हमें शिकार बना पाते हैं, क्योंकि औसत शहरी हिंदू या तो अपनी आस्था और इतिहास के बारे में अनजान है या जानना ही नहीं चाहता । 

4) सेवा करो। अपनी सामर्थ्य के अनुसार हिंदुत्व के लिए थोड़ी तो सेवा करें। यदि आप अच्छे लेखक हैं, तो लोगों को शिक्षित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करें। यदि आपके पास पैसा है, तो प्रत्येक माह एक निश्चित राशि किसी हिंदुत्व के लिए समर्पित संगठन को दान करें। यदि आपके पास समय है तो आप हर सप्ताह एक दिन किसी हिंदुत्वनिष्ठ संगठन के लिए प्रदान करें, उससे जुड़ें । उन लोगों को देखें जिन्होंने ऐसे संगठनों के लिए अपना जीवन समर्पित किया है, और जानें कि वे कैसे काम करते हैं। 

5) बामपंथी मिथ्या प्रचार की अनदेखी न करें। यदि आप अपने व्हाट्सएप समूहों में भड़काऊ, दुर्भावनापूर्ण, हिंदुविरोधी पोस्टों को प्रसारित होते पायें, तो मुखर होकर अपनी आपत्ति दर्ज कराएं । क्रिस्लामोकोमी बढ़ती हैं क्योंकि ज्यादातर हिंदू अपनी आवाज नहीं उठाते हैं, भले ही जो कहा जा रहा है, वे उससे असहमत क्यों न हों। मेरा अनुभव है कि ज्यादातर लोग असंतोष की पहली मजबूत आवाज की प्रतीक्षा करते हैं। यदि आप मुखर होते हैं, तो जल्द ही अन्य भी आपके साथ होंगे। 

6) अगर आप उचित कदम उठाते हैं, तो वे भी संभलकर बयान देने को विवश होंगे, जैसे कि भारतीय पोशाक पहनें, बिंदी या अपने माथे पर एक टीका लगाकर बाहर जायें। अपने त्यौहार मनाएं। एक हिंदू के रूप में अपनी पहचान के प्रति सहज रहें। रक्षात्मक मत बनो, जबरदस्त बनो, हमेशा दृढ रहो। 

7) उचित अवसरों पर, एस एल भैरप्पा लिखित 'आवरण' या संजीव सान्याल की 'महासागर का मंथन' या श्री अरबिंदो की 'भारत का पुनर्जन्म' जैसी पुस्तकें उपहार के रूप में दें। 

8) स्वराज पत्रिका की सदस्यता स्वयं लें, और उपहार के रूप में दूसरों को भी सदस्यता दें। Www.opindia.com, www.pragyata.com, www.indiafacts.com जैसे इंडिक पोर्टलों को नियमित रूप से पढ़ें। ध्यान रहे कि ज्ञान ही शक्ति है। 

9) जब आप लिखते / बोलते हैं तो भारतीय शब्दावली का प्रयोग करें। मूर्ति या विग्रह कहें, आईडल या स्टेचू नहीं, किसी हिंदू की मृत्यु पर शोक व्यक्त करने के लिए “RIP” का उपयोग न करें, उसके स्थान पर आत्मा की सद्गति के लिए प्रार्थना करें। 

10) अपनी जाति या अपनी भाषा की तुलना में हिंदुत्व को प्रधानता दो । पुरानी कहानी याद रखें कि, बंद मुट्ठी सदैव एक उंगली से अधिक ताकतवर होती है| हमारा इतिहास हमारे लिए एक सबक है। 

शेफाली वैद्य
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