शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार पुरुषोत्तम जी गौतम को किया मध्यभारत हिंदी साहित्य सभा ने सम्मानित,अंचल के वरिष्ठ साहित्यकारों को भी किया सम्मानित।ग्वालियर सांसद विवेक जी शेजवलकर व श्रीधर पराड़कर ने किया सम्मानित।






ग्वालियर। मध्य भारतीय हिंदी साहित्य  सभा ग्वालियर के तत्वावधान में बुधवार को  हिंदी दिवस पर सम्मान  समारोह " का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पंडित प्रोफ़ेसर साहित्य कुमार नाहर कुलपति संगीत विश्व विद्यालय ग्वालियर ने की ।मुख्य अतिथि के रूप में विवेक नारायण शेजवलकर, सांसद ग्वालियर, विशिष्ट अतिथि के रुप में श्रीधर पराड़कर संगठन महामंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद रहे।  इस अवसर पर शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार व शिक्षक पुरुषोत्तम जी गौतम को आदर्श शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया।

    प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर,माल्यार्पण  एवं पुष्प अर्पित किए गए ,स्वागत भाषण एवम् प्रस्तावना डॉ कुमार संजीव  ने  प्रस्तुत की।

     कार्यक्रम में डॉ शिवेंद्र सिंह "शिवेंद्र" को हिंदी सेवी सम्मान , पह्लाद सबनानी को अहिंदी भाषी हिंदी सेवी सम्मान, डॉक्टर पुरुषोत्तम गौतम को आदर्श शिक्षक सम्मान एवं डॉ पूर्णिमा शरद टोनपे को आदर्श शिक्षिका सम्मान से सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर सभी को  प्रशस्तिपत्र  श्रीफल एवं  अंग वस्त्र स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।

      इस अवसर पर  विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा ,आज हिंदी दिवस पर  वरिष्ठ साहित्यकारों को सम्मानित कर हम गौरवान्वित हुए हैं ।हिंदी विश्व की सर्वश्रेष्ठ एवं अनेक देशों में सर्वमान्य भाषा है । 70 करोड़ लोग भारतवर्ष में हिंदी बोलते हैं। हिंदी लोकप्रिय है ,इस पर अनेक शोध कार्य हो रहे हैं। इसी क्रम  में विशिष्ट अतिथि श्रीधर पराड़कर ने कहा,हिंदी दिवस पर साहित्यकारों का सम्मान हिंदी भाषा का सम्मान है ।दो हजार वर्षों की पराधीनता के पश्चात् हमारे प्रभाव में आज मूल रूप से हिंदी स्वाभिमान की भाषा है। यह हमारी जागृत सशक्त एवं अवचेतन मन की भाषा है। साहित्यकारों का यह कर्तव्य है, कि वह अपने मातृभाषा हिंदी के प्रति पूर्ण निष्ठा से निर्णय करें । हिंदी का शुद्धिकरण हमारी हिंदी के प्रति प्रेम व समर्पण रहेगा।पंडित साहित्य कुमार  ने कहा कि यद्यपि मैं प्रयागराज से हूं‌। सभा भवन में जो छायाचित्र लगे हैं उनके बीच साहित्य की यात्रा का मैं साक्षी रहा हूं ।42 वर्ष की सेवा में उन उन साहित्यकारों का में विशेष आभारी हूं, जिन्होंने महाराजा मानसिंह  संगीत महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय की स्थापना की। हिंदी के सभी सम्मानित साहित्यकारों के प्रति विनम्रता से मैं उनको आभार व्यक्त करता हूं। हिंदी भाषा हमारे लिए  ह‌दय से मान्य एवं प्रिय है,इसकी पताका आसमान तक उन्नत रहे, हम  सभी से यही आह्वान करते रहे।इस अवसर पर सम्मानित हुए साहित्यकारों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए । उन्होंने कहा ,हिंदी राष्ट्र के लिए बहुत ही उपयोगी हैं,हमें हिंदी के प्रति हमेशा विनत भाव एवं कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए। अंखियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर दिनेश पाठक, डॉ कुमार  संजीव,  धीरज शर्मा, अंकुर चौरसिया आदि ने सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन अर्चना बामनगया "अर्पण" ने किया।

      इस अवसर  मुरारी गुप्त गीतेश,  प्रकाश मिश्र ,मुकुंद पराड़कर, राज किशोर बाजपेई ,संदीप नारायण टोनपे, सत्येंद्र कुमार गोस्वामी , माता प्रसाद शुक्ला, करुणा सक्सेना ,वंदना सेन ,धीरज शर्मा ,डाॅ. पद्मा शर्मा,आशुतोष शर्मा,विवेक गौतम शिवपुरी, उषा श्रीवास्तव मनीषा गिरि,अंकुर चौरसिया ,रामचरण रुचिर,डाॅ. मंदाकिनी शर्मा, व्याप्ति  उमड़ेकर,विनायक ,शिवानी गोस्वामी ,अंकित अग्रवाल,पुष्पा शर्मा, सहित अनेक साहित्यकार सभा भवन में उपस्थित रहे। 

     कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार प्रदर्शन सभा के प्रचार मंत्री रामचरण रुचिर ने व्यक्त किया।

                

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