आखिर देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर कैसे बन रहा है COVID-19 का प्रमुख केंद्र ? – दिवाकर शर्मा




मध्य प्रदेश का इंदौर शहर जो लगातार 3 बार स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर एक रहकर पूरे देश में अपना परचम लहराता आया है, आज भारत में कोरोना संक्रमण से प्रभावित शहरों में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। शहर में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 63 हो गई है और देखते ही देखते इंदौर शहर मध्यप्रदेश में कोरोना का मुख्य केंद्र बन गया । सवाल उठता है कि आखिर ऐसा सुन्दर शहर जहाँ के नागरिक इतने जागरूक कि गुटखा खाने वाला भी खाली हो चुकी पाउच के प्लास्टिक को तब तक हाथ और जेब में संभालकर रखता है, जब तक कि उसे डस्टबिन नहीं मिल जाती, वह इंदौर आज कोरोना का मुख्य केंद्र कैसे बन गया ?

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से घर में रहने की अपील की और 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने का आग्रह किया | इंदौर के आमजन ने भी जनता कर्फ्यू के दौरान सुबह से लेकर शाम तक जनता कर्फ्यू का पालन किया, लेकिन शाम ढलते ढलते ही इन कर्मवीरों ने ताली और थाली बजाने के पश्चात पाटनीपुरा और राजवाड़ा पर जुलूस निकाल कर पूरे किये कराये पर पानी फेर दिया | इंदौर की इन तस्वीरों ने जनता कर्फ्यू के मूल भाव की धज्जियां उड़ा दी | इन दृश्यों को देखकर साफ़ कहा जा सकता था कि इन लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह बिलकुल नहीं की जिसका आव्हान नरेन्द्र मोदी ने किया था और नतीजा यह निकला कि कोरोना संक्रमण के प्रारंभिक आंकड़े तेजी से बढ़ने लगे | इसके बाद जरूर लोगों ने स्थिति की गंभीरता को समझ कर खुद को घरों में कैद करने में भलाई समझी, परन्तु इंदौर के कुछ इलाकों में एक समुदाय विशेष के लोगों के द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसके कारण इंदौर में कोरोना संक्रमण तेजी के साथ फ़ैल रहा है |

इन इलाकों के हालात यह है कि इन इलाकों में जब जांच हेतु डॉक्टरों की टीम पहुंची तो यहाँ रहने वाले लोगों ने न केवल उन्हें घर में नहीं घुसने दिया, बल्कि अपने घरों को अन्दर से बंद कर, घर की छतों से मुंह में पानी भरकर उनके ऊपर कुल्ला करना प्रारंभ कर दिया | इंदौर के टाटपट्टी बाखल में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच करने गई टीम पर बुधवार को समुदाय विशेष के लोगों ने पथराव कर दिया। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात काबू में किए। घटना के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर आनंद राय ने इंडिया टीवी से कहा कि वहां उनकी टीम के लोगों की मॉब लिंचिंग भी हो सकती थी। उन्होंने कहा कि इन लोगों को समझाईस देने की सख्त जरूरत है, ताकि उनको समझ में आए कि उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन क्यों किया जा रहा है।

डॉक्टर आनंद राय ने एक टीवी चैनल को बताया कि कई दिनों से यहां सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है कि लोग आपको बसों में भरकर ले जाएंगे और अज्ञात जगह छोड़ देंगे और वहां इंजेक्शन लगा देंगे। उनको बताया जाना चाहिए कि क्यों 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जा रहा है, इसके लिए प्रशासन और बुद्धिजीवी वर्ग को आगे आने की जरूरत है।’ अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि प्रशासन तो अपना काम पूरी इमानदारी के साथ कर रहा है, परन्तु यह जमात किसे बुद्धिजीवी मानती है ? जिनके कहने पर ये नादान लोग चलते हैं, वे मौलाना मौलवी कितने बुद्धिजीवी है ?

वैसे तो इन घटनाओं को किसी धर्म या समुदाय विशेष से जोड़कर देखना उचित नहीं है परन्तु सच्चाई यह है कि कुछ जाहिलों के कारण अच्छे लोगों को भी बदनामी झेलनी पड़ती है | आज इंदौर में वही हो रहा है | इंदौर के जिन इलाकों में पुलिस व डॉक्टरों पर कुल्ला करने या पथराव करने की घटनाएं सामने आ रही है, वह एक समुदाय विशेष बाहुल्य क्षेत्र है अतः समुदाय विशेष पर लग रहे यह आरोप तब तक लगते रहेंगे जब तक इन घटनाओं का प्रतिकार इसी समुदाय विशेष के द्वारा नहीं किया जाएगा | आज केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व इंदौर के इन चंद जाहिलों की हरकतों की निंदा कर रहा है, सिवाय इन्ही की जमात के उन लोगों के जो गाहे बगाहे छोटी मोटी घटनाओं को साम्प्रदायिक रूप देकर अपने समुदाय को प्रताड़ित किये जाने के आरोप लगा कर देश की शांत फिजाओं में जहर घोलने वाले वक्तव्य देते रहते थे | आज ऐसे लोग चुप क्यों है ? क्यों वे अपने इन सिरफिरे और जाहिल लोगों को समझाने का प्रयत्न नहीं करते ? कहीं ऐसा तो नहीं कि इंदौर में घट रही इन घटनाओं के पीछे समुदाय विशेष के तथाकथित रहनुमाओं का ही दिमाग हो ? यह हम नहीं कह रहे बल्कि जनमानस में चर्चा का विषय है |

खैर जो भी हो अब इस समुदाय विशेष को यह तय करना है कि 21 दिनों में से बचे हुए 13 दिनों में अब वह अपनी भूमिका एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में दर्शाना चाहते है अथवा देश और समाज के लिए हानिकारक तत्व के रूप में ? यह अब इन्हें ही तय करना है क्योंकि अब देश के साथ साथ पूरा विश्व भी इन्हें गौर से देख रहा है | यह तो तय है कि भारत इस कोरोना संक्रमण की गंभीर समस्या को भी परास्त करेगा परन्तु इस लड़ाई में कौन कौन सहयोगी बनेगा और कौन कौन समस्या पैदा करेगा यह देखना आवश्यक है |

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