लेबल

दिवाकर की दुनाली से

दिवाकर की दुनाली से

ग्वालियर विवाद: जब शब्द बने हथियार और विवेक बना सवाल

जब समाज का आईना धुँधला कर दिया जाए तो सच्चाई को साफ़ बोलना अपराध नहीं—कर्तव्य बन जाता हैं। ग्वालियर की धरती…

दिवाकर की दुनाली से

मप्र कफ सिरप कांड: जनऔषधि केंद्र और मेडिकल माफिया पर सवाल – दिवाकर शर्मा

मध्यप्रदेश से उठी खबर हर संवेदनशील मन को झकझोर रही है—कफ सिरप से मासूम बच्चों की मौत! यह कैसी त्रासदी है कि…

दिवाकर की दुनाली से

क्या संघ का प्रणाम सचमुच अल्बानियाई राजा की नकल है? – दिवाकर शर्मा

संघ विरोधियों की एक बीमारी है—हर भारतीय चीज़ में विदेशी छाया ढूँढ़ लेना। उन्हें भगवा दिखे तो उसमें फासीवाद …

दिवाकर की दुनाली से

वरिष्ठ, अनुभवी और योग्य पत्रकारों के विरुद्ध षड्यंत्र और अपमान : समाज के लिए गहराता संकट

आज का दौर पत्रकारिता के लिए जितना कठिन है, उतना ही समाज के लिए भी खतरनाक हो चला है। वह पत्रकारिता, जिसने कभ…

दिवाकर की दुनाली से

गरबा : भक्ति से भटक कर भोग तक की यात्रा – दिवाकर शर्मा

भारत भूमि अनादि काल से संस्कृति, परंपरा और धर्म का केन्द्र रही है। यहां हर पर्व और उत्सव केवल मनोरंजन का मा…

दिवाकर की दुनाली से

शिवपुरी में फर्जी आईडी का खेल: नेताओं और पार्षदों की शिकायत

सोशल मीडिया पर चलने वाली फर्जी पहचान की फितरत फिर से शिवपुरी के सार्वजनिक जीवन को कलंकित कर रही है। वरिष्ठ …

दिवाकर की दुनाली से

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी में स्वघोषित पत्रकारों की खोली पोल

शिवपुरी की सरजमीं शुक्रवार को एक ऐतिहासिक पल की गवाह बनी जब प्रेस क्लब द्वारा आयोजित कार्यशाला में केंद्रीय…

दिवाकर की दुनाली से

शिवपुरी की पत्रकारिता का गौरवशाली इतिहास एक शोधपरक आलेख

लेखक: दिवाकर शर्मा, संपादक – क्रांतिदूत शिवपुरी केवल एक ऐतिहासिक नगर नहीं, विचारों का उद्गम है, संवादों का …

दिवाकर की दुनाली से

सामाजिक संस्था की आड़ में फलता-फूलता भू-माफिया तंत्र

शहर की आबोहवा में इन दिनों कुछ अलग ही खुशबू घुली है। दाल-बाटी की महक के साथ-साथ राजनीति, प्रॉपर्टी डील और प…

दिवाकर की दुनाली से

पत्रकार या जालसाज़? गले में लटकती आईडी या लटकती पत्रकारिता की लाश?

कभी पत्रकारिता को देखकर लोग सिर झुकाकर आदर से नमस्कार करते थे। गांव का बुज़ुर्ग कहता था – “ये कलम वाला आदमी…

दिवाकर की दुनाली से

क्या पत्रकारिता के नाम पर मस्जिद के लिए पैसे ऐंठे जा रहे हैं?

शिवपुरी जिले की नरवर तहसील में पत्रकारिता की विश्वसनीयता को झकझोर देने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।…

दिवाकर की दुनाली से

संघ की आत्मा बनाम दिखावे की राजनीति: क्या शाखा का अनुशासन हाशिए पर है?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जिसने अनुशासन, त्याग, समर्पण और राष्ट्रधर्म को अपनी रीढ़ बनाया, आज एक अजीब से संक्…

दिवाकर की दुनाली से

नेताओं की दाल-बाटी और पत्रकार की चुप्पी : जब कलम परोस दी जाती है थाली में

दिवाकर की दुनाली से ✍️ रात के तीसरे पहर, चाँद भी शर्मिंदा था – क्योंकि एक पत्रकार की कलम, आज दाल में डूबी प…

दिवाकर की दुनाली से

RTI कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी पर उठे सवाल: कोर्ट की अनदेखी या शातिर रणनीति?

कभी सूचना के अधिकार की मशाल थामे व्यवस्था की अंधेरी गलियों में रोशनी बिखेरने वाला नाम – आशीष चतुर्वेदी – आज…

ज़्यादा पोस्ट लोड हो रहा है… That's All