राक्का, सीरिया में, फातौम अल-जसीम नामक एक नवयुवती को सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट का उपयोग करने के अपराध में शरीयत अदालत द्वारा पथराव कर मार डालने की सजा सुनाई | शरीयत अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि फेसबुक का प्रयोग व्यभिचार के बराबर है अतः लड़की को पथराव से दण्डित किया जाना चाहिए | ईरान की फ़ार्स समाचार एजेंसी ने अरबी समाचार पत्र अल-राय अल-यौम के हवाले से उक्त समाचार प्रकाशित किया है |
इस घटना के पीछे इराक में सक्रिय अल-कायदा समूह के सदस्यों का हाथ बताया जाता है | जोकि इराक के इस्लामी राज्य और सीरिया (आईएसआईएस) के सहयोगी संगठन के रूप में जाना जाता है ।
आईएसआईएस, या इराक और सीरिया के इस्लामी राज्य इराक में स्थित एक कट्टरपंथी इस्लामी समूह है। वे सीरिया में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ एक सक्रिय युद्ध लड़ रहे हैं ।
यह समूह इस्लाम की कट्टर विचारधारा का समर्थक है |
मजे की बात यह है कि आईएसआईएस का अपनी खुद का एक फेसबुक एकाउंट चल रहा है।
क्या आमिर खान साहब इस दुर्दांत घटना पर भी कोई फिल्म बनाने की जहमत उठाएंगे ?
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दरिंदगी की हदें
जवाब देंहटाएंपार कर गए हैं
हैवान लोग
वो सबकुछ कर सकते
नारी को अबला समझ
मिटा रहे हैं लोग?