हत्यारे तालिवानों ने छात्रों के सामने एक शिक्षक को ज़िंदा जलाया |


पेशावर। आर्मी स्कूल पर हमले में पाकिस्तान तालिबान ने क्रूरता की सारी हदें लांघ दीं। आतंकियों ने न केवल निर्दोष छात्रों पर बेरहमी से गोलियां बरसा कर 126 बच्चों की निर्दयता पूर्वक ह्त्या की बल्कि एक शिक्षक को भी छात्रों के सामने ही जिंदा जला दिया।

पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने बताया कि हमलावर आतंकियों ने दहशत फैलाने के लिए छात्रों के समक्ष एक शिक्षक पर तेल डालकर उन्हें जिंदा जला दिया। इस वीभत्स घटना को कक्षा में ही अंजाम दिया गया।

पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक हमले में मारे गए छात्रों की पहचान में मुश्किल आ रही है क्योंकि अस्पताल में कई ऐसे शव लाए जा रहे हैं जिनके सिर ही नहीं हैं। पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के संपादक उमर कुरैशी ने भी सूत्रों के हवाले से सिर कटे शवों की बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया, 'पेशावर स्कूल से अस्पताल में कई शव ऐसे लाए गए हैं, जिनके सिर नहीं हैं।' 

यह बर्बर समूह वही है जिसने मलाला यूसुफ़जई पर हमला किया था | अल कायदा के नजदीकी माने जाने वाले इस संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को 1 सितम्बर 2010 को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी समूहों की सूची में डाल दिया था | 2007 में अपनी स्थापना से आज तक इस संगठन के आतंकियों ने हजारों हत्याएं की हैं | अफगानिस्तान के सीमावर्ती कबायली इलाके में इस संगठन का अत्याधिक प्रभाव है |

तालिबान प्रवक्ता मुहम्मद खुरासनी ने स्कूल पर हमले को जायज़ ठहराते हुए कहा है कि उत्तरी वज़ीरिस्तान और ख़ैबर इलाकों में चल रही फ़ौजी कार्रवाइयों में उनके कबीलों के मासूम बच्चे और औरतें मारे जा रहे हैं |

पेशावर पहुँचकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और कहा कि पाकिस्तान की ज़मीन से आतंकवाद का पूरी तरह ख़ात्मा कर देंगे |

इस बीभत्स काण्ड पर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रया हुई है | प्रस्तुत हैं कुछ ट्वीट -

जिस देश में हथियारों के नाम मुहम्मद घौरी, गज़नी के नाम पर हो उस देश में ऐसा होना स्वाभाविक है.. 

पाकिस्तानियों को समझना चाहिए की सईद हफ़ीज़ उन्हें अमन-शांति का पाठ नहीं पढता है, आज नहीं आया बचाने वो बच्चों को ? 

वो कहते हैं कि बच्चे खुदा का रूप होते हैं, आज कुछ दहशतगर्दों ने खुदा के नाम पर खुदा को ही मार दिया ! 

खून किसी का भी गिरे यहां,नस्ल-ए-आदम का खून है आखिर, बच्चे सरहद पार के ही सही, किसी की छाती का सुकून है आखिर !!!
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