जो अविभक्त उससे है, वही तो भक्त होता है





जो अविभक्त उससे है, 
वही तो भक्त होता है !!
जिसे बंधन नहीं होता, 
वही तो मुक्त होता है |
नदी मिल जाए सागर में, 
फिर विलगाव ना होता,
बने पतवार सांवरिया, 
कहाँ भव सिंधु का गोता !!
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