विवादित फिल्म "पीके" के दृश्यों पर सेंसर बोर्ड के सदस्य की आपत्ति | सतीश कल्याणकर ने रिलीज होने से पहले ही दर्ज कराई थी आपत्ति !



विवादास्पद फिल्म 'पीके’ पर सेंसर बोर्ड के ही एक सदस्य सतीश कल्याणकर ने फिल्म के रिलीज होने से पहले ही आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसे बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) ने भी अनसुना कर दिया था।

यह खुलासा सोमवार को स्वयं कल्याणकर ने किया। द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती द्वारा 'पीके' फिल्म को हिंदुओं की आस्था पर चोट करार देकर इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग किए जाने के बाद सेंसर बोर्ड के सदस्यों ने आश्रम पहुंचकर रविवार और सोमवार को उनसे मुलाकात कर अपना पक्ष रखा।

कल्याणकर ने शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती की मौजूदगी में संवाददाताओं को बताया, "इस फिल्म के कुछ दृश्यों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्होंने सेंसर बोर्ड के सीईओ से मुलाकात की इच्छा जताई थी, जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने सीईओ को पत्र लिखा। इसके बाद भी उन दृश्यों को नहीं हटाया गया जिन पर उन्होंने असहमति जताई थी। वे स्वयं स्क्रीनिंग कमेटी के भी सदस्य हैं ! उन्होंने फिल्म को महसूस किया कि फिल्म में तय नियमावली का उल्लंघन किया गया है । नियमावली अनुसार फिल्म में ऐसे दृश्य और संवाद नहीं होना चाहिए, जिससे किसी धर्म की भावनाएं आहत हों।"

द्वारिका पीठ आश्रम के अधिकारी विद्यानंद ब्रह्मचारी ने बताया, "किसी भी फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा एक प्रमाण पत्र जारी किया जाता है जो फिल्म की शुरुआत में दिखाया जाता है, इस पर पांच लोगों के दस्तखत होते हैं। कल्याणकर स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य थे, फिल्म के प्रमाण पत्र पर चार सदस्यों के हस्ताक्षर तो हैं, मगर कल्याणकर के हस्ताक्षर को हटा दिया गया है।"



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