बंगाल में पुलिसिया अत्याचार की इन्तहा |

दैनिक जागरण में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में पुलिसिया कहर की एक वीभत्स घटना सामने आई है | तृणमूल कांग्रेस नेता मुस्तफा  के घर बम फेंकने के आरोपी भाजपा समर्थक की तलाश में गई तीन थानों की पुलिस ने उसकी चाची पर जमकर जुल्म ढाए। विगत 17 जनवरी को भाजपा कार्यकर्ता की तलाश में वीरभूमि जिले के पारुई थाने की पुलिस उसके घर पहुंची थी। जब वह नहीं मिला तो उसकी चाची को पुलिस अपने साथ ले गई
महिला को कोतवाली न ले जाकर जंगल में ले जाकर पेड़ से बांध दिया गया । पुलिसवालों ने उसके शरीर पर ब्लेड से कई वार किए। लाठी से पिटाई की। कपड़े फाड़ दिए और गुप्तांग में खुजली वाले पत्ते रगड़ दिए। उसकी दोनों हाथों की अंगुलियों को भी तोड़ दिया। इन सबके अलावा भी उस पर रात भर अत्याचार किया गया। इस घटना में वह बुरी तरह घायल हो गई। सुबह महिला को थाने के बाहर घायल अवस्था में फेंक दिया गया। बाद में उसे बर्द्धमान मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया ।
पीड़ित महिला का हालचाल जानने वीरभूम के सातोर गांव पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने कहा कि महिला अत्याचार की ऐसी घटना इससे पहले उन्होंने कभी नहीं देखी। पुलिसिया अत्याचार की इस घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने पीड़िता के जख्म भी देखे हैं और उसका बयान दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन ऐसी घटनाएं कतई नहीं होनी चाहिए। ऐसी घटना ना घटे इसकी जिम्मेदारी पुलिस व प्रशासन की होनी चाहिए।
महिला आयोग की टीम सुबह करीब 11 बजे सातोर गांव पहुंची। वहां करीब दो घंटे तक पीडि़ता, परिजनों व गांववालों से बातचीत के बाद टीम वहां से बोलपुर सर्किट हाउस गई। यहां कुमारमंगलम ने जिले के एसपी आलोक राजोरिया, बोलपुर के एसडीपीओ व अन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की और एसपी से घटना का विवरण लिया।
आयोग ने पुलिस अधिकारियों को महिला व उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। इसके बाद कोलकाता रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि पीडि़ता व पुलिस अधिकारियों का बयान उन्होंने दर्ज कर लिया है और जल्द रिपोर्ट तैयार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शुक्रवार को सीआइडी ने भी मामले की जांच शुरू की। पीड़िता परिवार सीबीआइ जांच चाहता है। पीडि़ता के पति ने आरोप लगाया कि तृणमूल कार्यकर्ता उन्हें लगातार धमका रहे हैं। शुक्रवार रात उनके घर के बाहर भीषण बमबाजी की गई। तृणमूल कार्यकर्ताओं उन्हें मामला वापस लेने के लिए लगातार धमकी दे रहे हैं।
इसके पूर्व 12 नवम्बर को बीजेपी की ओर से बीरभूम के पारुई इलाके में एक सभा का आयोजन किया गया था | उस दौरान बीजेपी की सभा से लौट रहे समर्थकों पर गोली-बम और तीर से हमला किया गया जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गये । बताया जा रहा है कि घाय़लों में से तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। बीजेपी ने टीएमसी पर हमले का आरोप लगाया है। बीरभूम में लगातार तनाव बना हुआ है। हमले के बाद बीजेपी की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि टीएमसी को ऐसा लग रहा है कि उनके जनाधार में कमी आ रही है और इसी के चलते उन पर हमला किया गया।

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