सीआईसी ने RTI का जवाब न देने पर सोनिया गांधी को थमाया नोटिस !
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केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक और नोटिस जारी करते हुए उनसे यह स्पष्ट करने को कहा है कि उनकी पार्टी ने आयोग के उस निर्देश का पालन क्यों नहीं किया जिसमें आरटीआई के तहत जानकारी देने की बात कही गई थी। सोनिया से नोटिस में यह भी पूछा गया है कि पिछले वर्ष आरटीआई याचिका का जवाब क्यों नहीं दिया।
सीआईसी ने पिछले साल की एक आरटीआई याचिका का जवाब न देने पर भी सोनिया से जवाब मांगा है. सीआईसी की पूर्ण पीठ ने कहा था कि कांग्रेस और पांच अन्य राजनीतिक दल बीजेपी, सीपीआई, सीपीआई(एम), राकंपा और बीएसपी सार्वजनिक प्राधिकार है और आरटीआई कानून के तहत जवाबदेह हैं लेकिन किसी भी पार्टी ने इस तरह से जानकारी देने के लिए कोई तंत्र स्थापित नहीं किया है, न ही कानून में बदलाव किया और न ही आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी.
जाने माने आरटीआई कार्यकर्ता आरके जैन ने आरटीआई के तहत पिछले वर्ष फरवरी में कांग्रेस के समक्ष आवेदन किया था लेकिन उन्हें इसका कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने इस संबंध में सीआईसी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जैन की शिकायत पर कार्रवाई के लिए आयोग को छह महीने का समय दिया था।
आदेश का अनुपालन करते हुए सीआईसी ने कहा था कि यह निर्देश दिया जाता है कि जैन की शिकायत पर विस्तृत टिप्पणी और जवाब चार सप्ताह के भीतर दिया जाए और इसकी एक प्रति शिकायतकर्ता को भी मुहैया करायी जाए।
आरटीआई अधिनियम के तहत सूचना नहीं देना या पूर्ण सूचना मुहैया नहीं कराना अपराध माना जाता है और प्रतिदिन के हिसाब से सार्वजनिक प्राधिकार के जन सूचना अधिकारी पर 250 रूपये के जुर्माने का प्रावधान है।
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