मुलायम के पोते के तिलक में 75 से 100 करोड़ रुपए के खर्चे का अनुमान, IT के अनुसार 2 करोड़ रूपये मिनरल वाटर पर खर्च



समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के उत्तर प्रदेश के इटावा स्थित गांव सैफई में उनके पोते और पार्टी के मैनपुरी से सांसद तेज प्रताप सिंह के शाही तिलक पर हुए बेहिसाब खर्च पर आयकर विभाग अपनी नजरें टेढ़ी कर सकता है। आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो विभाग ने अपने सूत्रों से शाही तिलक में हुए खर्च का ब्यौरा एकत्र करना शुरू कर दिया है। दिल्ली में 26 फरवरी को होने वाली शादी के खर्च को शामिल कर विभाग मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव को नोटिस भी थमा सकता है। 

21 फरवरी को सैफई में हुए शाही तिलक में विभागीय सूत्रों का अनुमान है कि‍ करीब 75 से 100 करोड़ रुपए खर्च कि‍ए गए। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि‍ अनुमान है कि‍ डेढ़ से दो करोड़ रुपए तो केवल मिनरल वॉटर पर खर्च हुआ होगा। इससे पूरे आयोजन में कुल खर्च का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग ने शाही तिलक के पहले ही अपने अधिकारियों को निर्देश दे दिया था कि‍ सभी तरफ खास नजर रखें। तिलक समारोह में आने वाले सभी ठेकेदारों, कांट्रैक्टरों, हलवाइयों, ट्रेवल एजेंट, एयरपोर्ट, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों, कलाकारों, होटल, गेस्ट हाउस इत्यादि पर अपनी नजर रखे। साथ ही यह पता करे कि‍ किसने क्या इंतजाम किए हैं, कितना एडवांस मिला है और उनका बिल कितना होगा, उसका भुगतान कैश में होता है या चेक से?

विभाग खासतौर पर इलाहाबाद की लल्लू एंड संस, दिल्ली, मुंबई, जयपुर, लखनऊ, कानपुर, इटावा, मैनपुरी के उन कांट्रैक्टरों पर नजर बनाए हुई हैं जिन्होंने इस आयोजन को भव्य बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। सभी के नामों और उनके फर्मों की एक सूची बन रही है। वक्‍त आने पर विभाग उनसे पूछताछ कर सकता है।

विभाग के अन्य अधिकारी यह मानते हैं कि‍ इस तरह के आयोजनों के बाद नोटिस भेजने में काफी समय लग जाता है, क्योंकि विभाग को पहले प्रत्यक्ष तौर पर यह देखना पड़ता है कि‍ आयोजन में भारी मात्रा में कालेधन का उपयोग हुआ है या नहीं। सभी से डिटेल कलेक्ट करने में भी काफी टाइम लगता है। ऊपर से फाइनेंस मिनिस्ट्री या इन नेताओं की ऊपर तक पहुंच का डर भी होता है।

आयकर विभाग के एक पूर्व कमिश्नर के अनुसार इस तरह के भव्य आयोजनों पर आयकर विभाग की नजर पड़ना स्वाभाविक है। विभाग यह जानने की कोशिश करता है कि‍ शादी के इस तरह के शाही आयोजन में कुल कितना खर्च हुआ और हुए खर्च का पैसा कहां से आया? अक्सर देखा जाता है कि‍ इस तरह के आयोजनों में कालेधन का जमकर उपयोग होता है। यदि‍ शादी किसी बड़े नेता या उद्योगपति के संबंधी की हो, तो शक और गहरा जाता है।

साभार भास्कर.कॉम 
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