मुझसे पहले बने सेंसर बोर्ड के अध्यक्षों ने नहीं पढी ठीक से गाइड लाइन :- पहलाज निहलानी

पहलाज निहलानी का कहना है कि लोग बेहद अश्लील चीज़ें इंटरनेट पर पैसे देकर देखते हैं क्योंकि सेंसर बोर्ड पर किसी तरह का कसाव नहीं था। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। एक बच्चे से लेकर बूढ़े तक सनी लियोन की अश्लील साइट देखते हैं। इन सबको रोकना ज़रूरी है और इसके लिए सेंसर बोर्ड अच्छी फिल्में पास करेगा।

हाल ही में सेंसर बोर्ड ने नए अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने बीबीसी हिंदी को दिए अपने एक इंटरव्यू में कुछ बातें कही -

“विवाद पैदा किए जा रहे हैं ! मैं तो सिर्फ़ गाइडलाइंस की बात कर रहा हूं !" निहलानी कहते हैं, "जब मैंने गाइडलाइंस की टूटने की बात की, तो लोगों को बुरा लगा ! मेरी बातों को पब्ल‍िक एक्ज़िबिशन बना दिया गया है !” इन सब विवादों से बोर्ड के अध्यक्ष और प्रोड्यूसर के बीच बेवजह ग़लतफहमी बढ़ेगी !

बातचीत में सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष निहलानी ने सेंसर बोर्ड द्वारा अपनाई जा रही सख्ती के सवाल पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि “फ़ि‍ल्मों में अनावश्यक अपशब्दों का प्रयोग होने लगा है ! कई दफ़े डायलॉग न होने पर भी इनका प्रयोग किया जा रहा है ! अपशब्दों का प्रयोग किसी भी प्रकार की रचनात्मकता को नहीं दिखाता !”
अपनी बात को ज़ोर देते हुए निहलानी कहते हैं कि इस प्रकार के सिनेमा से समाज पर बुरा असर पड़ता है !उदाहरण देते हुए निहलानी ने बताया, “ख़जुराहो की प्रतिमाएं तो लोग नहीं लगाते न, तो फिर फ़ि‍ल्मों इस तरह की रचनात्मकता की बात क्यों करते हैं ?”

निहलानी ने साफ़ कहते है कि वे सिर्फ़ नियमों का पालन भर कर रहे हैं ! इस कार्रवाई में इतनी देर के कारण को बताते हुए कहते हैं, “मुझ से पहले जो भी अध्यक्ष बने, या तो उन्होंने गाइडलाइंस अच्छी तरह से पढ़ी नहीं, या उन्होंने दफ़्तर में बहुत कम वक़्त बिताय ,इसलिए इसमें इतनी देर हुई !”

निहलानी फ़ि‍ल्मकारों की नई पीढ़ी को भी उलाहने देते हुए कहते हैं, “वर्ष 2006 से अब तक बनी फ़ि‍ल्मों में सेंसर गाइडलाइंस को ताक पर रखकर काम किया गया है !” पहलाज निहलानी नए फिल्मकारों को सलाह देते हुए कहते है कि नए फ़ि‍ल्ममेकर्स को इन गाइडलाइंस को एक बार ज़रूर ध्यान से पढ़ना चाहिए, ताकि आगे उन्हें माली नुकसान का सामना न करना पड़े !

इतना ही नहीं बातचीत के दौरान फिल्मों में शब्दों को प्रतिबंधित करने के मामले में निहलानी ने कहा “यदि कुछ हद से बाहर होगा, तो उसे सेंसर किया जाएगा. ! चाहे वो शब्दों हो या फिर सीन !


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