पिता की भूमिका क्या कम है ?
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टिप्पणियाँ
यशोदा की माखन मिश्री का गुणगान,
पर नन्द के आनंद का भी रखें ध्यान |
काली रात, सर टोकरी में कन्हाई,
उफनती जमुना वासुदेव ने पार लगाई |
पुत्र वियोग पर हुआ कौशल्या को दुःख,
पर स्वर्ग सिधारे दशरथ होते ही विमुख |
ससुराल जाती बिटिया लख, माँ करती अश्रुपात |
लाडो हित चिंता में समधी से पिता जोड़ते हाथ |
हो बच्चों की हर फरमाईस पूरी,वो जी जान लगा देते है |
फटी बनियान न देखे कोई,अन्दर कमरे में सुखा लेते है |
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काव्य सुधा
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