घोटाले पर से पर्दा उठना शुरू

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अगुस्ता वेस्टलेंड हेलीकोप्टर खरीदी में करोड़ों रुपये के लेनदेन के आरोप लगते रहे हैं | कांग्रेस शासनकाल में तो इसकी जांच ने गति नहीं पकड़ी, किन्तु अब इस घोटाले पर से पर्दा उठना शुरू हो गया है | कल गुरूवार को एक न्यूज चेनल ने इसका सनसनीखेज खुलासा किया | चेनल के अनुसार उसे प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने जानकारी दी है कि सेवानिवृत्त एयर मार्शल गौतम नैयर ने बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल से पैसा लेने की बात स्वीकार की है |

सूत्रों का कहना है नैयर ने प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी को बताया कि मिशेल ने उनकी कंपनी, “डायमंड एयर मेंटीनेंस एंड ऑफसेट सर्विस” को 80 लाख रुपये दिए । मजे की बात यह कि जैसे ही पैसा मिला यह कम्पनी बंद कर दी गई । अर्थात यह कम्पनी केवल रिश्वत का पैसा बसूलने के लिए ही खोली गई थी | 

कंपनी में नैयर के साथी भारतीय वायुसेना के सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन शशि भूषण शर्मा से शुक्रवार अर्थात आज पूछताछ की जायेगी | नैयर ने गुरुवार को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में नौ घंटे तक पूछताछ की गई थी ।

आरोप है कि मिशेल ने शीर्ष भारतीय अधिकारियों की हवाई यात्राओं पर भी चार करोड़ रुपये खर्च किये हैं | कहा जाता है कि इनमे से अकेले नैयर और उनके परिवार पर 2010-2013 के बीच तथा सेवा निवृत्ति के बाद भी कथित तौर पर 56 लाख रुपये व्यय किये गए । न केवल हवाई यात्राओं के खर्चे वरन विदेश में लक्जरी होटल में ठहरने की व्यवस्था भी मिशेल ही करता रहा | इस सुविधा का लाभ नैयर के साथ साथ उनकी पत्नी रचिता, बेटी रुचि, बेटा गौरव और पुत्रवधु स्मृति ने भी उठाया |

नैयर ने इस दौरान अपने परिवार के साथ पेरिस, लंदन, दुबई, लॉस एंजिल्स और तुर्की सहित कई देशों और शहरों के कई चक्कर लगाए। उन्होंने लिस्बन, फ्रैंकफर्ट, रोम, न्यूयॉर्क, मिलान, वेनिस और सिंगापुर की भी यात्रा की। मिशेल स्वयं भी कई बार नैयर के साथ लंदन गया । इन यात्राओं में नैयर के साथ हमेशा उनके सहयोगी शर्मा भी रहे ।

नैयर और शर्मा संयुक्त रूप से “डायमंड एयर मेंटीनेंस एंड ऑफसेट सर्विस” और “पिनाकल एयरो प्राइवेट लिमिटेड” के स्वामी थे |

प्रवर्तन निदेशालय को करोड़ों रुपये के इस वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले की जांच के दौरान दुबई से दिल्ली के बीच हुए पूरे लेनदेन में मिशेल की भूमिका की जानकारी मिली ।

प्रवर्तन निदेशालय को मिशेल की दिल्ली लिंक और उनके संपत्ति की भी जानकारी मिली है, जिसे कथित तौर पर बेनामी लेनदेन के माध्यम से खरीदा गया है । प्रवर्तन निदेशालय ने इन सभी बेनामी संपत्तियों को जब्त करने का फैसला किया है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार मिशेल ने ये संपत्तियां दिल्ली के ट्रैवल एजेंट आरके नंदा के नाम से खरीदी ।

कथित तौर पर 51 वर्षीय बिचौलिये को भारत सरकार के साथ 3600 करोड़ का यह अनुबंध करवाने के बदले इतालवी सरकार की एयरोस्पेस, फिन्मेक्कानिका के अधिकारियों ने 26 मिलियन पोंड का भुगतान किया । यह भी कहा जाता है कि 1980 के पहले से मिशेल के भारत में ब्रिटिश हाई सोशायटी के साथ आत्मीय और व्यावसायिक सम्बन्ध रहे हैं ।

जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, इस राज्य नियंत्रित इतालवी एयरोस्पेस कंपनी ने हेलीकाप्टरों की बिक्री के लिए अति महत्वपूर्ण भारतीयों को करीब 362 करोड़ रुपये की रिश्वत का भुगतान किया था। 2010 में हुए 3600 करोड़ रुपये के इस सौदे में रक्षा मंत्रालय ने 12 हेलीकाप्टरों में से नौ को रोक दिया था ।

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