आरएसएस पर गांधी हत्या का झूठा आरोप लगाने के कारण राहुल गांधी पर चलेगा मानहानि का मुक़दमा - मुम्बई उच्च न्यायालय का फैसला |
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आज मंगलवार को मुम्बई उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ घृणा फैलाने के आरोप में दायर की गई एक संघ स्वयंसेवक राजेश कुंटे की शिकायत को रद्द करने की मांग की थी ।
लोकसभा चुनाव के दौरान मार्च 2014 में राहुल ने मुंबई से 20 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित ठाणे जिले के भिवंडी तालुका के एक गांव में भाषण देते हुए आरोप लगाया था कि संघ के लोगों ने महात्मा गांधी की हत्या की थी ।
इसके बाद राजेश कुंटे की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए भिवंडी के मजिस्ट्रेट द्वारा 11 जुलाई 2014 को राहुल गांधी को धारा 500 (मानहानि) के तहत कायम मुकदमे का सामना करने के लिए सम्मन भेजा गया था | राहुल की ओर से वरिष्ठ वकील राजिंदर सिंह चीमा और अधिवक्ता तरन्नुम चीमा ने इस सम्मन को रोकने के लिए उच्च न्यायालय में पिटीशन दायर की थी, जिसे आज रद्द कर दिया गया |
कुंटे ने अपनी शिकायत में राहुल गांधी के शब्दों को उद्धृत किया था – ““आरएसएस के लोगों ने गांधी जी को गोली मारी और उनके लोग गांधी जी की बात करते हैं | सरदार पटेल, सरदार पटेल कांग्रेस पार्टी के नेता थे, उन्होंने आरएसएस के बारे में साफ़ सुथरा लिखा है, उनके संगठन के बारे में बहुत साफ सुथरा लिखा है |”
जबकि अपनी याचिका में राहुल ने कहा था कि उन्होंने अपने भाषण में आरएसएस द्वारा एक राजनीतिक पार्टी के रूप में चुनाव न लड़ने के आश्वासन का उल्लेख किया था | तथा कहा था कि महात्मा गांधी की ह्त्या आरएसएस से जुड़े लोगों द्वारा फैलाई विध्वंसक विचारधारा का परिणाम था | उन्होंने कभी भी एक संगठन के रूप में आरएसएस पर आरोप नहीं लगाया | अतः उच्च न्यायालय यह शिकायत और सम्मन को रद्द करें ।
किन्तु उच्च न्यायालय के आज के आदेश के बाद राहुल गांधी को मानहानि के मुकदमे का सामना करना ही पड़ेगा | आज के इस निर्णय का यह भी प्रभाव होगा कि भविष्य में राजनेता किसी पर भी कुछ भी ऊटपटांग आरोप लगाने से बाज आयेंगे |
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