नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, नेहरू सरकार और ब्रिटिश सत्ता - नया खुलासा

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पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वार नेताजी के परिवार की दो दशक तक जासूसी करवाए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद एक नया खुलासा हुआ है | राष्ट्रीय अभिलेखागार के अवर्गीकृत दस्तावेजों से पता चला है कि भारत का इंटेलीजेंस ब्यूरो भी ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआइ 5 के साथ गोपनीय जानकारियां साझा करता रहा है ।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने प्रकाशित किया है कि भारत की खुफिया एजेंसी ने नेताजी के सहयोगी एसी नांबियार और भतीजे अमिय नाथ बोस के एक पत्र को "गुप्त सेंसरशिप 'के माध्यम से हासिल कर लिया तथा उसे ब्रिटिश खुफिया एजेंसी के साथ साझा किया है ।

उक्त पत्र को गुप्त सेंसरशिप द्वारा देखा गया था और इसके बाद अगले दिन नाम्बियार का पत्र ब्रिटश एजेंसी को न केवल भेजा गया बल्कि उनकी टिप्पणी भी माँगी गई । आगे दस्तावेजों में यह भी पढ़ा जा सकता है कि 6 अक्टूबर 1947 को आईबी अधिकारी एसबी शेट्टी ने एमआइ 5 सुरक्षा संपर्क अधिकारी के.एम. बॉर्न को संबोधित कर लिखा कि – “हम पत्र पर आपकी टिप्पणी के लिए आभारी हैं" |

ये दो पत्र पिछले साल एमआइ 5 द्वारा अवर्गीकृत किये दस्तावेजों के 2000 पृष्ठों का हिस्सा हैं जिन्हें जनता को उपलब्ध कराया गया तथा लेखक अनुज धर ने इन्हें देख कर सार्वजनिक किया । लेखक श्री धर विगत 15 वर्षों से नेताजी को लेकर शोध कर रहे हैं |

इस बीच, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के भाई श्री शरत चंद्र बोस के पोते सूर्य कुमार बोस ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस केवल उनके परिवार के ही नहीं थे, बल्कि सम्पूर्ण भारत उनका परिवार था | अतः नेताजी से सम्बंधित फाईलों को सार्वजनिक करने की मांग पूरे देश से उठना चाहिए ।

लेकिन क्या नेहरू जी के अपराध केवल नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के विरुद्ध षडयंत्र रचने तक ही सीमित हैं ? नहीं ! देश कभी न कभी विचार करेगा ही -

खूनी बटबारा माता का, किसने थी गोटी फेंकी !निर्दोषों की लाशों ऊपर, रोटी सत्ता की सेकी !!पंचशील के सपने देखे, स्वेत कपोत उड़ाते थे !पाने तमगा विश्व मंच पर, हिन्दी चीनी गाते थे !! ब्रह्मपुत्र की लाल ओ केशर क्यारी को बर्बाद किया !किसने निजी स्वार्थ की खातिर, चीनी खतरा लाद दिया !!मान सरोवर हंस पूछते, पूछे श्रंग शिखर कैलाश !कैसे चीनी ड्रेगन ने, कब्जाया शिव शंकर निवास !!

किसके अपराधों से घाटी, काश्मीर थर्राई है !
जीती बाजी सेना की क्यूं, टेबिल बैठ गंवाई है !
श्यामाप्रसाद के हत्यारों को, किसने नित ऊंचाई दी,
राष्ट्रभक्ति को दफनाने, घाटी में केवल खाई दी |


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