भारत के रक्षा उपकरण बनेंगे भारत में - समर्थ और सक्षम भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम |

Defence minister Manohar Parrikar shakes hands with US secretary of defence Ashton Carter during their meeting in New Delhi. (PTI Photo)

अमरीका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर का भारत दौरा दोनों देशों के बीच पनपते घनिष्ठ रिश्तों का स्पष्ट प्रमाण बना | भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की दो बार हुई भेंट में जो पारस्परिक विश्वास और सद्भाव की रूपरेखा बनी उसे दोनों देशों के रक्षामंत्रियों ने दस्तावेज की शक्ल में अमलीजामा पहनाया | 3 जून 2015 को भारत और अमरीका के बीच विमान वाहक जेट इंजिन सहित अन्य रक्षा उपकरणों के डिजाईन और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के करार पर हस्ताक्षर हुए | 

दोनों देशों की ओर से रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने संयुक्त रूप से नवीन तकनीक के विकास हेतु 10 साल के रक्षा रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने भावी पीढी की सुरक्षा के लिए रासायनिक और जैविक युद्ध से बचाव की उच्च तकनीक विकसित करने हेतु दो परियोजना समझौतों को भी अंतिम रूप दिया। जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान समुद्री सुरक्षा और संयुक्त प्रशिक्षण जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई थी, उसी पृष्ठभूमि में यह करार किया गया है । इसे भारतीयों की बौद्धिक क्षमता पर अमरीकी विश्वास के रूप में भी देखा जा सकता है |

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उक्त नवीन समझौता उच्च स्तरीय रणनीतिक विचार विमर्श के अवसर प्रदान करने वाला है | इससे दोनों देशों के सशस्त्र बलों की रक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए अगले दस वर्षों तक द्विपक्षीय रक्षा और सामरिक भागीदारी का आदान प्रदान होगा | इसके अलावा, पर्रीकर और कार्टर विमान वाहक डिजाइन, जेट इंजन निर्माण और अन्य क्षेत्रों पर सहयोग आदि विषयों पर विचार-विमर्श में तेजी लाने पर सहमत हुए। बयान में इस समझौते को रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने वाला बताया गया है ।

चूंकि भारत में रक्षा उपकरणों की उत्पादन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देश सहमत हुए हैं, अतः यह समझौता प्रधान मंत्री मोदी के “मेक इन इण्डिया” मुहिम के अनुसार भारतीय उद्योगों के लिए एक अवसर के रूप में भी देखा जा रहा है । भारत और अमरीका की भागीदारी से रक्षा उद्योग का भारत में तेजी से विकास तथा रक्षा उपकरणों का भारत में ही निर्माण होना संभव होगा | 

अमरीकी रक्षा मंत्री कार्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ भी मुलाकात की और रणनीतिक और रक्षा संबंधी मुद्दों पर व्यापक विचार विमर्श किया ।

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