क्या यह संभव है कि रक्त पिपासु चीन कभी व्यापारी बन जाए ?

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आखिर यह सवाल क्यों उठा ? क्या कभी चीन के रुख में परिवर्तन संभव है ? क्या चीन कभी चाह सकता है कि पाकिस्तान भारत के साथ शान्ति से रहे ? अभी तक तो बीजिंग की दिलचस्पी सामरिक कारणों से भारत-पाकिस्तान के तनाव की आग में घी डालते रहने की रही है | लेकिन एक घटना ने सोचने को विवश किया है | अभी हाल ही में चीन ने पाकिस्तान द्वारा भारत पर लगाये एक आरोप की हवा निकाल दी है |

पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने एक ड्रोन को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास गोली मारकर गिरा दिया | लेकिन इस पृष्ठभूमि में, एक अजीब और विचित्र बात सामने आई है | 

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का सबसे बड़ा अधिकृत सरकारी दैनिक “पीपुल्स डेली” है, जिसका सर्कुलेशन चार लाख से भी अधिक है, तथा जिसके एक दर्जन से अधिक विदेशी भाषाओं में संस्करण निकलते हैं | उक्त सरकारी दैनिक ने कल शनिवार को एक दिलचस्प रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसका शीर्षक है – “पाकिस्तान में गिराया गया चीन निर्मित ड्रोन” | समाचार में शंघाई आधारित वेबसाइट "द ऑब्ज़र्वर 'के हवाले से बताया गया है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा मार गिराये गये ड्रोन को बीजिंग में चीन निर्मित DJI फेंटम 3 ​​के रूप में पहचाना गया है ।

दिलचस्प बात यह है कि यह समाचार वेबसाइट पर सबसे ज्यादा देखा गया । इसे एक गलती से प्रसारित समाचार नहीं कहा जा सकता, क्योंकि अगर ऐसा होता तो घंटों तक यह समाचार वेबसाइट पर नहीं रहता और न ही इसे शीर्ष ट्रेंडिंग कहानी के रूप में दर्शाया जाता | 

यह बेहिचक कहा जा सकता है कि चीनी मीडिया में समाचार और विचार बहुस्तरीय पुनरीक्षण प्रणाली के बाद प्रकाशित होते हैं, क्योंकि वहां की मीडिया पूरी तरह राज्य के अधीन हैं और उनके माध्यम से चीन सरकार का द्रष्टिकोण दुनिया के सामने आता है |

यही कारण है कि पीपुल्स डेली में प्रकाशित समाचार का महत्व बढ़ जाता है । इसका अर्थ है कि पाकिस्तानी दावे की हवा खुद चीन ने निकाल दी है तथा चीन भारतीय रुख की पुष्टि कर रहा है | हर समय चीन के सहयोगी रहे पाकिस्तान के लिए तो यह स्थिति चुल्लू भर पानी में डूब मरने जैसी शर्मनाक हो गई है।

इस नवीन घटनाक्रम से 17 जुलाई को विदेश सचिव एस जयशंकर द्वारा कथित जासूसी के पाकिस्तानी आरोपों पर की गई टिप्पणी सत्य सिद्ध हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि: "गिराए गए ड्रोन की जो तस्वीर बताई जा रही है, उसका डिजाइन भारतीय नहीं है | साथ ही भारतीय सशस्त्र बल की किसी यूएवी श्रेणी में यह शामिल नहीं है | यह चीनी डिजाइन का प्रतीत होता है, जो सहज ही व्यावसायिक रूप से खुले बाजार में उपलब्ध है। "

पीपुल्स डेली की इस रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व को स्पष्ट रूप से नीचा देखना पडेगा । पाकिस्तान प्रशासित क्षेत्र में जासूसी के लिए “ड्रोन" भेजने का आरोप भारत पर मढ़कर संघर्ष विराम के लगातार उल्लंघन की घटनाओं में इजाफे को इस्लामाबाद द्वारा जायज़ ठहराया जा रहा था । लेकिन चीनी सरकारी मीडिया में भारतीय रुख के समर्थन के बाद पाकिस्तानी दावा खोखला साबित हो गया है ।

इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि पाकिस्तान लगातार अपने भारत विरोधी रुख पर कायम है | यहाँ तक कि शनिवार को ईद के अवसर पर भारत की ओर से भेजी गई मिठाई स्वीकार करने से भी पाकिस्तानी सैनिकों ने इनकार कर दिया था | अगर हैरानी की कोई बात है तो वह है भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चीन का रवैया ।

अभी तक चीन की रणनीति भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव लगातार बढाते रहने की रही है । क्योंकि चीन का सोचना था कि भारतीय सैनिकों का एक बड़ा हिस्सा भारत-पाक तनाव के कारण भारत की पश्चिमी सीमाओं पर ही फंसा रहे । लेकिन लगता है यह किस्सा अब पुराना हो गया | पीपुल्स डेली की उपरोक्त कहानी बदलती चीनी रणनीति का एक सूक्ष्म संकेत हो सकता है।

शायद इस बदलते रुख का सबसे महत्वपूर्ण कारण है चीन की अर्थव्यवस्था, जो इस समय कठिन चुनौतियों से जूझ रही है | इन दिनों उसकी महत्वाकांक्षा और प्राथमिकता एक आर्थिक महाशक्ति बनने की है | और यह तभी संभव है, जब क्षेत्र में शान्ति रहे और भारत का बाजार उसके लिए खुला रहे । इसीलिए भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का बढ़ना चीन के हित में नहीं है । 

चीन का नया रुख अर्थात व्यवसाई चीन, विश्व शान्ति के लिए एक राहत की खबर हो सकती है । लेकिन चीन को समझना इतना आसान भी नहीं है | वह कल क्या करेगा, उसकी भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता | काश रक्त पिपासु चीन यथार्थ में व्यापारी चीन बन जाए तो अमन चैन के एक नए युग का सूत्रपात हो सकता है | निन्यानवे का फेर अच्छे अच्छों को सीधा कर देता है |
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