अमरनाथ से भी अधिक कठिन है हिमाचल स्थित श्रीखंड महादेव के दर्शन


माना जाता है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा सबसे के बाद सबसे कठिन यात्रा बाबा बर्फानी की यात्रा है ! परन्तु क्या आप जानते है कि अमरनाथ की यात्रा से भी कठिन भोलेनाथ की एक और यात्रा है ! जी हाँ मित्रों हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव की यात्रा अमरनाथ यात्रा से भी ज्यादा कठिन है ! अमरनाथ यात्रा की चढ़ाई जहाँ 14000 फीट है वहीँ श्रीखंड महादेव की यात्रा की चढ़ाई 18570 फीट है ! श्रीखंड महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में समुद्रतल से 18 हज़ार की ऊंचाई पर स्थित हैं !यहाँ श्रद्धालु श्रीखंड महादेव के 72 फुट लम्बे शिवलिंग के दर्शन करने दूर दूर से आते है !


श्रीखंड महादेव की यात्रा इतनी कर्मठ है कि वहां पहुंचना बड़ा ही कठिन है, परन्तु फिर भी सावन के माह में देश के कोने कोने से श्रद्धालु यहाँ बम बम भोले के जयकारे लगाते हुए बड़े ही उत्साह के साथ आते है ! जो लोग अमरनाथ और श्रीखंड महादेव दोनों स्थानों पर होकर आये है उनके अनुसार श्रीखंड यात्रा अमरनाथ यात्रा से कहीं अधिक कठिन है ! 


श्रीखंड महादेव तक पहुंचने के लिए सुंदर घाटियों के बीच से एक रास्ता है ! अमरनाथ यात्रा के दौरान तो फिर भी श्रद्धालु खच्चरों की सहायता से यात्रा को कुछ हद तक सुलभ बना लेते है परन्तु 35 किलोमीटर की सीधी चढ़ाई श्रीखण्ड महादेव यात्रा को इतना अधिक कठिन बनाती है, जिस पर कोई खच्चर या घोड़ा चल ही नहीं सकता ! श्रीखण्ड महादेव का रास्ता रामपुर बुशैहर से जाता है। यहां से निरमण्ड, उसके बाद बागीपुल और आखिर में जांव के बाद पैदल यात्रा शुरू होती है ! 


यह है श्रीखंड महादेव का पौराणिक महत्व :-


इस यात्रा के साथ एक दन्त कथा जुड़ी है जिसके अनुसार यही वह स्थान है जहाँ भस्मासुर राक्षस ने अपनी तपस्या से शिव से वरदान मांगा था कि वह जिस पर भी अपना हाथ रखेगा वह भस्म हो जाएगा ! जिसके पश्चात भोलेनाथ ने भस्मासुर को वरदान दिया था कि तुम जिस के सिर पर भी हाथ रखोगे वो भस्म हो जाएगा ! तब भस्मासुर ने भगवान शिव से कहा," हे भोलेनाथ, यह वरदान सच में फलीभूत होता है या नहीं यह जानने के लिए क्यों न मैं पहले आपके सिर पर ही हाथ कर देखूं ! भस्मासुर के मुख से ऐसे वचनो को सुन कर भगवान शिव भागने लगे एवं उन्होंने तब भगवान विष्णु का स्मरण किया और भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर भस्मासुर का नाश किया ! भस्मासुर का अंत होने के बाद यहां श्रीखंड महादेव का वर्तमान शिवलिंग प्रकट हुआ ! भक्त यहां आकर इस प्राकृतिक शिवलिंग की पूजा-अर्चना करते हैं ! आज भी वहां की मिट्टी व पानी दूर से लाल दिखाई देते हैं !


श्रीखंड महादेव की विभिन्न स्थानों से दूरी 


श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए शिमला जिला के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओं तक गाड़ियों और बसों में पहुंचना पड़ता है ! जहां से आगे करीब तीस किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है ! 


शिमला से रामपुर - 130 किमी
रामपुर से निरमंड - 17 किलोमीटर
निरमंड से बागीपुल - 17 किलोमीटर
बागीपुल से जाओं - करीब 12 किलोमीटर

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