केरल के मल्लापुरम जिले में स्थित जुड़वा बच्चों का गांव “कोडिन्ही”

केरल के मल्लापुरम जिले में स्थित कोडिन्ही गाँव एक मुस्लिम बहुल इलाका है ऐसा ! यहां जुड़वां बच्चों का जन्म होना आम बात है ! नन्नाबरा पंचायत के इस इलाके में दशकों से जुड़वाँ बच्चे ही पैदा हो रहे हैं ! स्थानीय लोगों के अनुसार जुड़वां बच्चों की संख्या बढ़ती ही जा रही है ! इस गाँव में घर, स्कूल, बाज़ार हर जगह हमशक्ल नज़र आते है !

कोडिन्ही गाँव में लगभग 2,000 परिवार रहते हैं और सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस गांव में 250 जुड़वां बच्चे हैं ! विशेषज्ञों के अनुसार, इस गाँव में 350 से अधिक जुड़वां बच्चे हैं ! प्रति वर्ष जुड़वां बच्चों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है ! इसके पीछे के कारणों को अभी तक कोई नहीं जान सका है ! भारत में जुड़वां बच्चों का जन्म एक दुर्लभ बात होती है ! एक अनुमान के अनुसार, भारत में, प्रति 1000 बच्चों में 4 जुड़वां बच्चे होते हैं ! कोडिन्ही में 1000 पर यह आंकड़ा 45 है ! यह औसत समूचे विशव में दूसरे नंबर पर है, परन्तु एशिया में यह पहले नंबर पर आता है !

यह गांव चि‍कित्‍सकों व शोधकर्ताओं के लिए रहस्य तथा दुनिया भर में मीडिया के लिए खबर बना हुआ है ! आंकड़ों के अनुसार इस गांव में 250 जोड़े जुड़वां बच्चों पैदा हो चुके है, जबकि समझा जाता है कि उनकी वास्तविक संख्या इससे भी अधिक है ! इस गाँव में 2008 में 300 बच्चों पर 15 जुड़वा बच्चे जन्मे थे जो की अब तक एक साल में जन्मे सबसे अधिक जुड़वा बच्चे है ! जुड़वाँ बच्चों के पैदा होने की खबर से अब इस इलाके की अपनी एक अलग पहचान बन चुकी है !

यह गाँव अब अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर है क्योंकि विभिन्न देशों से शोधकर्ता यहाँ आकर जुड़वाँ बच्चों के पैदा होने का रहस्य पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं ! इस जगह इतने अधिक जुड़वा पैदा होने की पीछे कारण क्या है ये अभी भी अज्ञात है ! वैसे तो यह मुस्लिम बहुल इलाका है, परन्तु गाँव में अन्य समुदाय के लोगों की संख्या भी 20 प्रतिशत है जिसमें अनुसूचित जनजाति के लोग भी शामिल हैं !

कोडिन्ही और उससे लगे कोट्टेकल के इलाके में काम कर चुके विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार इस इलाके में जुडवां बच्चों के 400 जोड़ों की पहचान की गई है ! इनमें सबसे उम्र दराज़ 64 साल के बुजुर्ग से लेकर 6 महीने के बच्चे भी शामिल है ! अब इस इलाके में त्रिक यानि तीन बच्चों का भी एक साथ जन्म होना शुरू हो गया है !

इस अजीबो-गरीब रहस्य के पीछे ज्यादातर विशेषज्ञ ये मान रहे थे की यहाँ के खान-पान और वातावरण की वजह से ऐसा है मगर यहाँ का खान-पान केरल के दूसरे इलाकों से अलग भी नहीं है ! फिलहाल इस तर्क के अलावा डॉक्टर अभी तक कोई दूसरा कारण नहीं ढूंढ पाये ! एक और विशेष बात यह है की यदि इन जुड़वां बच्चो में कोई एक बीमार होता है तो दूसरा भी अवश्य बीमार होता है इसलिए एक बच्चे के बीमार डॉक्टर दोनों बच्चों को दवाई देने को कहते है !

गौरतलब है की इस तरह के जुड़वाँ बच्चों का चलन नाइजीरिया के इगबो-ओरा में भी है ! शोधकर्ताओं को लगता है कि इगबो-ओरा की महिलाओं के खान पान की वजह से इस तरह का प्रचलन आम है ! मगर इस शोध के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाए हैं ! ब्राज़ील के एक कस्बे में इसी तरह की बात सामने आई थी !

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें