सोते समय सिर उत्तर दिशा में क्यों नहीं होना चाहिए ?

आपकी शारीरिक संरचना -

आपका दिल, नीचे की ओर शरीर के मध्य में स्थित नहीं है, बल्कि नियंता ने इसे तीन चौथाई ऊपर की ओर रखा है, क्योंकि नीचे से गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध रक्त पंप करना तुलनात्मक रूप से अधिक कठिन होता । शिराओं के माध्यम से जो रक्त ऊपर जाना है, उसकी व्यवस्था नीचे जाने वाली रक्त वाहिकाओं की तुलना में अधिक बेहतर व व्यवस्थित है । मस्तिष्क में जाने वाली शिराएँ तो लगभग बाल जैसी महीन है, जिनमें एक भी अतिरिक्त बूंद नहीं जा सकती | यदि एक भी अतिरिक्त बूंद पंप की जाए, तो कुछ फट जाएगा और स्वतः रक्तस्त्राव होगा।

अधिकांश लोगों के मस्तिष्क में रक्तस्राव होता है, लेकिन इसके कारण कोई बड़ी क्षति नहीं पहुँचती, किन्तु छोटा मोटा नुक्सान होता है । जैसे की आप सुस्त हो सकते हैं । अमूमन 35 की उम्र के बाद अपने आप को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए स्वयं की अधिक चिंता करने की आवश्यकता होती है । यह इसलिए, क्योंकि आपकी याददाश्त आपकी बुद्धिमत्ता के कारण नहीं है ।

यदि सोते समय उत्तर दिशा में अपना सिर रखा तो क्या होगा ?

यदि आपको किसी प्रकार की रक्त संबंधित समस्या है, जैसे कि एनीमिया, तो एक डॉक्टर आपको क्या सलाह देगा ? वे कारण बताएँगे आयरन, जोकि आपके रक्त में एक महत्वपूर्ण घटक है। आपने चुंबकीय क्षेत्र के बारे में भी सुना होगा । कई मायनों में, पृथ्वी की संरचना में चुंबकत्व एक महत्वपूर्ण कारक है । यही कारण है कि चुंबकीय बल अपार शक्तिशाली है।

यदि आप अपने सिर को उत्तर दिशा में रखते हैं, और इस स्थिति में लगातार 5 से 6 घंटे रहते हैं, तो चुंबकीय पुल के कारण आपके मस्तिष्क पर अतिरिक्त दबाव रहेगा।

जब शरीर प्रथ्वी के समानांतर क्षैतिज स्थिति में है, तो आपकी नाडी की गति तुरंत कम हो सकती है । शरीर यह समायोजन इसलिए करता है, क्योंकि खून अधिक मात्रा में सिर में जाना नुक्सान देह हो सकता है, जो कि समान स्तर पर पंप होने के कारण जा ही सकता है | अब, अगर आप 5 से 6 घंटे तक अपना सिर उत्तर दिशा में रखते हैं तो चुंबकीय बल के कारण आपके मस्तिष्क पर अतिरिक्त दबाव रहेगा। 

यदि आपकी आयु 35 से ऊपर है तो निश्चित रूप से आपकी रक्त वाहिका भी अपेक्षाकृत कमजोर हो रही होंगी | ऐसी स्थिति में दिमागी रक्तस्राव (ब्रेन हेमरेज) के कारण लकवे की स्थिति बन सकती है । मान लीजिये कि आपका सिस्टम मजबूत है और इन बातों से आपको कोई अंतर नहीं पड़ता, तो भी सोते समय मस्तिष्क में रक्त के अधिक परिसंचरण के कारण, जब आप सुबह उठेंगे तो स्वयं को तनाव ग्रस्त पायेंगे । और यदि आप ऐसा प्रतिदिन करेंगे तो ? यह निश्चित रूप से मुसीबत का सबब होगा | अब मुसीबत कितनी बड़ी या छोटी होगी, यह आपके सिस्टम की मजबूत पर निर्भर है।

सोते समय सिर पूर्व दिशा सर्वोत्तम है। उत्तर-पूर्व भी ठीक है। पश्चिम कुछ हद तक सही है। मजबूरी में दक्षिण भी चलेगा । लेकिन उत्तर कतई नहीं, जब तक आप उत्तरी गोलार्द्ध में हैं । अगर आप दक्षिणी गोलार्द्ध में हैं तो दक्षिण की ओर अपना सिर न करें ।

                            -    सद्गुरू 
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