दारूल उलूम देवबंद का नया फतवा दाढ़ी काटना या दाढ़ी न बढ़ाना दोनों गैर इस्लामी

दारूल उलूम देवबंद ने एक नया फतवा जारी किया है ! उसने अपने इस फतवे में कहा है कि दाढ़ी काटना या दाढ़ी न बढ़ाना दोनों गैर इस्लामी है ! दाढ़ी बनवाने को गैर इस्लामी करार देने का फतवा जारी कर दारुल उलूम देवबंद के फतवे ने मुस्लिम समुदाय के हज्जामों और उन लोगों को मुश्किल में दाल दिया है जो दादी कटवाते है ! इस फतवे को लेकर खुद मुस्लिम समुदाय में बहस शुरू हो गई है !

दरअसल दारूम उलूम देवबंद ने यह फतवा देवबंद के बदजिया उल हक इलाके में एक सैलून चलाने वाले मोहम्मद इरशाद और मोहम्मद फुरकान के एक सवाल के जवाब में जारी किया गया ! संस्थान इसी इलाके में स्थित है ! ! फतवा जारी होने के बाद इन दोनों हज्जामों ने यह तय किया है कि वे न तो किसी की दाढ़ी बनाएंगे और न ही किसी की दाढ़ी काटेंगे ! फतवा जारी करने वाले दारूल इफ्ता विभाग ने इस फतवे में कहा है कि दाढ़ी बनाना या उसे छांटना शरिया कानून के खिलाफ है और इसलिए ऐसा करना गैर इस्लामी है !

मौलवियों का कहना है कि इस्लामी कानून किसी भी धर्म के व्यक्ति की दाढ़ी बनाने या काटने की इजाजत नहीं देता है ! फतवे में कहा गया है कि अगर कोई इस पेशे में है तो उसे दूसरे काम की तलाश करनी चाहिए ! इस फतवे ने दाढ़ी नहीं रखने वाले मुसलमानों और मुसलमान हज्जामों को मुश्किल में डाल दिया है ! फतवे का पालन करते हुए आसपास के इलाकों के नाइयों ने दाढ़ी बनाने का काम बंद कर दिया है और अपनी दुकानों के दरवाजे पर फतवे की कॉपी लगा दी है !

लखनऊ में नाइ की दुकान चलाने वाले शाहिद सिद्दीकी कहते हैं, 'हमें फतवे के बारे में मालूम नहीं है लेकिन इसकी कॉपी जैसे ही हमें मिलती है, हम तय करेंगे कि इस सूरत में क्या करने की जरूरत है !'

मौलवी मौलाना असगर अब्बास ने इस बाबत पूछे जाने पर कहा कि दाढ़ी को छोटा बनाए रखने के लिए उसे काटने में कोई नुकसान नहीं है ! हालांकि उन्होंने कहा, ‘दाढ़ी बनाने से बचना बेहतर होगा !’

खैर जो भी हो अब देखना यह होगा की दारूम उलूम देवबंद के द्वारा जारी किये इस फतवे के बाद क्या मुस्लिम समुदाय के आम लोग क्या दाड़ी बनाना छोड़ देंगे और क्या इस पेशे से जुड़े हुए मुस्लिम समुदाय के लोग अपने धंधे में परिवर्तन करेंगे ? यह तो आनेवाला वक़्त ही बतायेगा !......

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