आज का टॉप ट्विटर ट्रेंड - फिर पड़ा राजदीप में झापड़



महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने राजदीप सरदेसाई के पत्र का मुंहतोड़ जबाब क्या दिया, सोशल मीडिया पर छा गए | पढ़िए क्या लिखा उन्होंने -

प्रिय राजदीप,

सामान्यतः मैं वरिष्ठ पत्रकारों के हर खुले पत्र का जबाब नहीं देता, किन्तु इस समय अगर मैं जबाब नहीं दूंगा, तो मेरे विचार से गोयबल का वह विचार सही सिद्ध ओ जाएगा, जिसमें कहा गया था कि – “असत्य बार बार वोलने से सच हो जाता है” | मीडिया का एक वर्ग, बिना ठोस ज्ञान के, अपने एजेंडे के अनुसार सरकार पर कैसे प्रहार कर रहा है, आपका पत्र उसका एक नायब नमूना है | 

आपने जो पहला विषय उठाया है, चलिए पहले उसका ही जबाब देता हूँ | मेरी सरकार ने मांस पर प्रतिबंध जैसा कोई निर्णय लिया ही नहीं है | सरकार ने कोई भी नया आदेश किसी स्थानीय निकाय को नहीं भेजा | 2004 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पर्यूषण पर्व के दौरान दो दिन के लिए वधशाला बंद करने का निर्णय लिया | तब उस आदेश की प्रति हर नगर निगम को भेजी गई | तब से लगातार मीरा भैयंदर सहित हर नगर निगम ने उसका पालन प्रारम्भ किया | 1994 से ही मुम्बई और मीरा भयंदर जैसे स्थानीय निकायों ने अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए, अतिरिक्त दिनों के लिए भी बढाने के प्रस्ताव पारित किये | यह आश्चर्य जनक है कि आपमें से किसी ने भी हमारे पॉवर में आने तक इस पर कभी कोई आपत्ति जाहिर नहीं की | स्पष्ट ही आप पूर्ववर्ती छद्मधर्म निरपेक्ष सरकार के साथ मजे में थे, भले ही वह कितनी ही भ्रष्ट और नाकारा क्यूं न रही हो |

हो सकता है आप यह सब जानते भी रहे हों, किन्तु ये बातें आपके एजेंडे के अनुकूल नहीं हैं |

इसके साथ ही पढ़िए अमिताभ बच्चन जी का शानदार ट्विटर कमेन्ट -





एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें