आम जनता तक कब पहुंचेगी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस से सम्बंधित फाईलों की जानकारी ?

image/jpg: Subhas Chandra Bose

महज कुछ समय बचा है, जब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से सम्बंधित गुप्त दस्तावेजों को पश्चिम बंगाल सरकार सार्वजनिक करेगी | ममता बनर्जी शासन ने यह निर्णय तो ले लिया है कि आज शुक्रवार 18 सितंबर को वह सुभाष चंद्र बोस से सम्बंधित 64 फ़ाइलें सार्वजनिक करेगी । लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उसमें लिखी बातें आम जनता कब जान पायेगी ।

कोलकाता पुलिस उस संभावना से परेशान है कि उत्तरी कोलकाता के पुलिस संग्रहालय में अगर हजारों लोग उन दस्तावेजों के अवलोकन को आ गए तो क्या होगा ?

बोस परिवार के सदस्य भी नहीं जानते कि उन्हें उन फाइलों को पढ़ने का अवसर कब और कैसे मिलेगा । बुधवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पत्रकारों को बताया कि फ़ाइलों को आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रोड पर स्थित कोलकाता पुलिस संग्रहालय की पहली मंजिल पर स्थित वाचनालय में जनता को देखने के लिए रखा जाएगा । फाइलों की डिजीटल सामग्री पढ़ने के लिए पुलिस द्वारा एक दर्जन टर्मिनलों की स्थापना की जाएगी।

कोलकाता के पुलिस आयुक्त सुरजीत कार पुरकायस्थ के अनुसार अभी योजनाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है । मीडिया को फ़ाइलों की सामग्री की सॉफ्ट कॉपी दी जायेगी अथवा नहीं, इस पर निर्णय मुख्यमंत्री लेंगी | संग्रहालय के अधिकारियों को भी अंतिम योजनाओं के बारे में कोई सुनिश्चित जानकारी नहीं हैं। संभव है कि पहला दिन बोस परिवार और मीडिया के लिए आरक्षित किया जाये । 

कोलकाता पुलिस संग्रहालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संभवतः जन सामान्य को शनिवार से अनुमति दी जाएगी। दर्शनार्थियों की भीड़ को देखते हुए यह भी संभव है कि संग्रहालय रविवार को भी खुला रखा जाए | 

किसी फाइल में क्या लिखा है, यह पढ़ने को मिले न मिले शनिवार से दर्शकों को आयताकार कांच के शोकेस में रखे दस्तावेजों की एक झलक अवश्य मिल जायेगी । जबकि टर्मिनल दूसरे कमरे में रहेंगे, जहां बैठकर टर्मिनलों पर बैठकर उन्हें पढ़ा जा सकेगा, एक अधिकारी ने कहा।

सूत्रों का कहना है कि दस्तावेजों के एक सौ से अधिक पृष्ठों में अधिकांशतः हस्तलिखित नोट्स हैं । माना जाता है कि कुछ फ़ाइलों में नेताजी और उनके बड़े भाई के बीच हुए व्यक्तिगत पत्राचार शामिल हैं| इसके अलावा कुछ स्वतंत्र भारत के नेताओं के बीच आदान-प्रदान किये गए पत्र हैं । कुछ फ़ाइलें ब्रिटिश खुफिया विभाग द्वारा किये गए नेताजी के भाषणों के विश्लेषण से सम्बंधित हैं ।

सार्वजनिक की गई फ़ाइलों से मुख्य तौर पर जो जानकारियां मिलने की उम्मीद है, वे हैं -

नेताजी के जो करीबी या रिश्तेदार थे उनकी जासूसी करवाई गई थी या नहीं ?

जासूसी की जानकारियों को ब्रिटेन की ख़ुफ़िया एजेंसियों समेत किस-किस से साझा किया गया था ?

गुमनाम बाबा से जुड़ी फ़ाइलें, जिनके बारे में 60 के दशक में यह दावा किया जाता रहा था कि वही नेताजी हैं |

इसके साथ ही जवाहरलाल नेहरू और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री विधान चंद्र रॉय के बीच हुई बातचीत के दस्तावेज़ |

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