हिन्दू धर्म से खिलवाड़ सहन नहीं होगा :- श्री अतुल तारे


प्रकृति, मानव एवं सभी जीवों के प्रति दया, करुणा और प्रेम का रास्ता दिखाने वाले इतिहास के सबसे प्राचीन हिन्दू धर्म से जितना खिलवाड़ मुस्लिम आक्रान्ताओं और अंग्रेजी शासनकाल में नहीं हुआ हिन्दू धर्म से पनपे कुछ पंथों और आरक्षण के नाम पर अनुचित लाभ लेने वाले कुछ लोगों ने धर्म परिवर्तन के नाम पर हिन्दू धर्म और सरकारों को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया जा रहा है !

हिन्दू धर्म से खिलवाड़ की एक घटना हाल ही में म.प्र. के ग्वालियर शहर में सामने आई है ! एक शासकीय विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक द्वारा हिन्दू परिवारों के विद्यार्थियों के माथे पर टीका नहीं लगाने एवं राम-कृष्ण सहित हिन्दू देवी देवताओं को नहीं मानकर एक पंथ विशेष को मानने के लिए न केवल प्रेरित किया बल्कि प्रताड़ित भी किया ! इस मामले की प्रशासन अपने स्तर पर जांच करा रहा है ! लेकिन सवाल उठता है की इस तरह का घटनाक्रम मुस्लिम या इसाई धर्म के साथ होता तो क्या इस घटनाक्रम को इतनी आसानी से निपटाया जा सकता था ? क्या वह शिक्षक अपने घर और विद्यालय में सुरक्षित रह पाता ? 

हिन्दू धर्म से मजाक का एक और घटनाक्रम दो दिन पूर्व राजस्थान के जयपुर शहर में सामने आया है ! अनुसूचित जाती से सम्बन्ध रखनेवाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी उमराव सालोदिया ने स्वयं को मुख्य सचिव नहीं बनाए जाने पर सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम धर्म अपना लिया ! जिस देश में सिर्फ हिन्दू धर्म की जाती विशेष का होने के कारण उन्होंने जीवन भर आरक्षण का लाभ लिया, आरक्षण का लाभ लेकर वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी बने और इस सेवा में लम्बा जीवन भी गुजारा ! लेकिन अंतिम वर्षों में सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए सरकार को ब्लैकमेल करते हुए धर्म परिवर्तन का ढोंग रचाया ! 

हालांकि यह कहना भी कतई गलत नहीं होगा कि आरक्षण और अस्पृश्यता की आड़ लेकर धर्मपरिवर्तन का षड़यंत्र रचने वाली शक्तियां भी हिन्दू धर्म के आसपास मंडरा रही है ! मौका मिलते ही वह अपना काम कर जाती है ! इस प्रकरण में सबसे ख़ास बात यह रही कि स्वयं आरक्षण का लाभ लेने वाले आईएएस अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि धर्म परिवर्तन उन्होंने किया है उनके बच्चों ने नहीं अर्थात आरक्षण का लाभ उनके बच्चों को मिलते रहना चाहिए ! ऐसे में सरकारों को चाहिए कि इस तरह के ब्लेकमेलरों को मनाने की बजाये हिन्दू धर्म की जाती विशेष के कारण मिले सम्पूर्ण लाभ और सेवा लाभ से मुक्त करते हुए उनके परिवार को भी परिवर्तित धर्म का मानते हुए आरक्षण लाभों से मुक्त किया जाना चाहिए ! 

हिन्दुस्तान धर्म निरपेक्ष देश है लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं होना चाहिए कि यहाँ धर्म निरपेक्षता के नाम पर सिर्फ हिन्दू धर्म के साथ खिलवाड़ होता रहे ! सरकारों को ऐसे मामलों में सख्ती दिखानी होगी और जाती पन्त की आड़ लेकर हिन्दू धर्म के साथ मजाक करनेवालों के मनोबल को धराशायी करना होगा ! हिन्दुओं को भी चाहिए कि वह धर्म परिवर्तन के षड्यंत्रकारियों की चालों को समझे और अपने धर्म में आस्था रखें, उसका सम्मान करें ! 

श्री अतुल तारे जी वरिष्ठ पत्रकार एवं स्वदेश ग्वालियर के सम्पादक है !

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