राष्ट्रीय संकट की घड़ी में एकजुटता ???


नए वर्ष का प्रारम्भ आत्मघाती हमले से हुआ | यह अलग बात हैकि हमारे बहादुर सैनिकों के कारण हमलावर अपने मकसद में कामयाब नहीं हुए | जो छः आत्मघाती हमलावर पठानकोट में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के बेस केम्प पर हमले के लिए आये उनका मकसद इस केम्प को तहस नहस करने का था | वायुसेना के मिग 21 और एमआई 35 विमानों को नष्ट कर, इंधन भण्डार में विष्फोट करने के मकसद से वे आये थे | हमारे सात जवान शहीद हुए, लेकिन हमारे बहादुर सैनिकों ने आतंकी मकसद को पूरा नहीं होने दिया और हमलावरों को मार गिराया |

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की प्रारम्भिक जांच के अनुसार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) इस आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार है | प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पठानकोट में घुसपैठिये आतंकवादियों द्वारा जो हथियार इस्तेमाल किये गए, वे नवम्बर में तंगधार (कुपवाड़ा) में सेना के काफिले पर हुए हमले में इस्तेमाल किये गए हथियारों जैसे ही थे । स्मरणीय है कि तंगधार हमले में 3 बीएसएफ के जांबाज और एक नागरिक की जान गई थी | तंगधार में सेना के शिविर पर जो हमला हुआ था, उसमें सम्मिलित आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के 'अफजल गुरु शिविर' के थे।

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, हमले का मास्टर माईंड जैश प्रमुख कमांडर अजहर मसूद का भाई अब्दुल रऊफ मसूद अजहर था । खुफिया एजेंसियों ने पूर्व में ही यह जानकारी शीर्ष अधिकारियों को दी थी कि दिसंबर 2015 में पाकिस्तान की इंटर स्टेट इंटेलिजेंस (आईएसआई) के अधिकारीयों ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष नेताओं के साथ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक बैठक का आयोजन किया था । आईएसआई ने इस बैठक के दौरान भारत के अंदर हमले करने के लिए सभी आतंकी समूहों के बीच सहयोग का आह्वान किया था |

अतः हो सकता है कि आज के आतंकी हमले के समान, कुछ अन्य आतंकी बारदातें भी निकट भविष्य में घटती दिखाई दें | दुश्मन भारत विरोधी सभी शक्तियों को एकजुट करने की मुहीम में जुटा है | क्या हम इस राष्ट्रीय संकट का मुकाबला एकजुट होकर नहीं कर सकते ? सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, किसी की भी राष्ट्रभक्ति में शंका का कोई कारण नहीं है | आवश्यकता केवल इस बात की है कि अपने छुद्र राजनैतिक स्वार्थ छोड़कर केवल शत्रु को कैसे रोका जाए इसकी चिंता की जाए | एक दूसरे की कमी बताने के लिए आगे बहुत समय शेष है | याद करें बांगलादेश युद्ध के समय अटल जी की प्रतिक्रिया ! 

लालू  प्रसाद यादव की प्रतिक्रिया स्वागत योग्य है -

Not right to question foreign policy right now, stand with our soldiers in this fight-Lalu Prasad Yadav
एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें