ऐतिहासिक पहल है ‘‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’’

शिवपुरी - फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा कवच देने के लिए देश में ‘‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’’ लागू की गई है। इस योजना के माध्यम से फसलों से होने वाली आय की सुरक्षा की गारंटी पहली बार किसानों को मिली है। यह ऐतिहासिक पहल संकट के मौकों पर किसानों को आर्थिक मदद देगी। 

इस योजना में किसान को बीमित राशि पर खरीफ फसलों के लिए मात्र 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए मात्र 1.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक अथवा उद्यानिकी फसलों पर मात्र 5 प्रतिशत का अंश ही देना होगा। शेष वास्तविक प्रीमियम राशि बीमा कंपनी को भारत सरकार एवं राज्य सरकार देंगी। योजना में सभी किसान लाभ ले सकेंगे, भले ही वो बंटाई, किराए या लीज पर खेती करते हों, बीमा की रकम, स्केल ऑफ फायनेंस अथवा खेत की फसल से संभावित आय में से जो अधिक हो वह राशि होगी। इस तरह किसान की कृषि आय भी इस योजना में बीमित हो सकेगी। फसलों के दावों की गणना पिछले 7 सालों के कटाई के आंकड़ो में से प्राकृतिक आपदा से नुकसानी वाले दो सालों के आंकड़े हटाकर, पांच साल की उत्पादकता का औसत होगी। योजना की गणनाकी इकाई गांव होगी। योजना में ओला, पाला, तूफान, बाढ़, सूखा, शुष्क अवधि, कीट एवं रोग, प्राकृतिक आग आदि के नुकसान भी शामिल किए गए हैं। ओला गिरने जैसी स्थानीय प्राकृतिक आपदा से जो नुकसान एक सीमित क्षेत्र में होता है। ऐसे खेतो के सर्वे के आधार पर दावों की गणना का प्रावधान रखा गया है। फसल रोपने अथवा बोने के बाद बदले मौसम से फसल के नुकसान पर बीमा की 25 प्रतिशत राशि तुरंत देने की व्यवस्था नवीन योजना में है। योजना में फसल कटने के 14 दिन के अंदर कटी फसल को असमय वर्षा से होने वाले नुकसान को शामिल किया गया है। नयी तकनीक का प्रयोग योजना में होगा, राजस्व अधिकारियों को स्मार्ट फोन दिए जाएगे, रिमोट सेंसिंग तकनीक का प्रयोग होगा। योजना संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए उपसंचालक कृषि से संपर्क किया जा सकता है।


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