नोटबंदी की वजह से अस्पताल में इलाज नहीं मिलने या मौत की खबरों के बीच 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद पैसा न होने पर यदि कोई निजी अस्पताल या नर्सिंग होम मरीज के इलाज के लिए मना करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ! मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में इस आशय के आदेश जारी किए गए हैं ! सीएमएचओ दफ्तर से निजी अस्पताल और नर्सिंग होम संचालकों के लिए पत्र जारी किया गया है !
पत्र में साफ तौर पर हिदायत दी गई है कि मुद्रा परिवर्तन की वजह से अगर किसी मरीज का इलाज करने से मना किया जाता है तो ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ! अस्पतालों के लिए जारी निर्देशों में निजी अस्पतालों को मरीज को कम से कम प्राथमिक इलाज मुहैया कराकर ज़रुरत होने पर सरकारी अस्पताल में रेफर करना भी शामिल है ! साथ ही इसकी जानकारी सीएमएचओ कार्यालय को देनी होगी !
दरअसल, नोटबंदी के बाद शहर में ऐसा एक मामला सामने आया था ! इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निजी नर्सिंग होम को ग्वालियर सीएमएचओ दफ्तर की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है !
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