आपका दुश्मन न. एक है वह मानसिकता जो कहती है कि कलमा पढो, वरना सर कलम कर देंगे ! - तारिक फतेह


पहला सवाल – हम कौन हैं ? हरेक की आँख, अंगूठे का निशान, शकल अलग अलग हैं, इससे दुनिया में उसके बजूद की अहमियत पता चलती है ! उसके बजूद के इर्दगिर्द समाज बनता है, समाज की साईकिल चलती है ! यहाँ की दरिया, ये पहाड़, ये जमीन और इन पर बसने वाले लोग, यह सिविलाइजेशन हमने नहीं बनाई, हमें विरासत में मिली है ! इस पर गर्व के बजाय एरोगेंस फसाद की जड़ है ! हमसे बड़ा कौन, यह मानने वाले झंझट फैलाते हैं !

स्वीडन कनाडा आदि मुल्कों में गरीब अमीर का भेद नहीं होता ! आप मर्सिडीज कार में पीछे वाली घटिया सीट पर बैठकर सफ़र करते हो, क्योंकि आप ड्राईवर के साथ बैठना अपनी तौहीन मानते हो ! जबकि वह शहंशाह की तरह आगे बैठकर गाड़ी चलता है ! यही नुक्स है और इसे आपको दूर सबसे पहले करना चाहिए, अगर हिन्दुस्तान को बुलंदी पर देखना चाहते हो !

आपको अपने दुश्मन और दोस्त की पहचान होनी चाहिए ! अमरीका आपका दुश्मन नहीं है, आप आसानी से ट्रंप को गाली दे सकते हो, जरा अरब के शासक को देकर देखिये ! आपका दुश्मन न. एक है पाकिस्तान और वह मानसिकता जो कहती है कि कलाम पढो, वरना सर कलम कर देंगे ! आप समझ लें कि जब तक पाकिस्तान का बजूद है, अमन नसीब नहीं होगा ! जो कहते हैं कि उसकी तरफ दोस्ती का हाथ बढाओ, वे डरपोक हैं ! जो कहता है चपत लगाओ, उस आपके प्राईम मिनिस्टर ने सबको चाय पिलादी ! बड़ा शोर मचाया जाता है 71 का ! उस समय छोड़े गए नब्बे हजार कैदी ही आज बलूचिस्तान में खून बहा रहे हैं ! वही आजाद बलोचिस्तान जिसे नेहरू ने धोखा देकर पाकिस्तान के कब्जे में सोंप दिया, उनके साथ खड़ा हुआ है आपका प्राईम मिनिस्टर ! बाक़ी लोग तो इतने वर्षों तक कहते रहे, बलूचों से क्या गरज, फिलीस्तीन की बात करो !

जब जर्मनी में रहने वाला जर्मन, रसिया में रहने वाला रूसी, जापान में रहने वाला जापानी, तो हिन्दुस्तान में रहने वाला हिन्दू क्यों नहीं ? आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है, आपकी भलमनसाहत ! ईरान से आये पारसी, फारस से आये दाऊदी बोहरा, फिलीस्तीन से आये यहूदी, सबको हिन्दुस्तान ने अपने में समेटा ! सिंध के राजा दाहिर ने जिनको पनाह दी, वे सैयद, पठान अगर कौमी झंडा नहीं फहरा सकते, मादरे वतन की जय नहीं बोल सकते, तो बीजा कटाएँ, सब्सिडी लें और जहां चाहे वहां जाएँ !

बर्दास्त करना छोडो ! उसका फायदा मणिशंकर ऐय्यर जैसे लोग उठाते हैं, जो कराची में जाकर निजी फायदे के लिए मुल्क को बेच आते हैं ! उन्हें तहजीब और मुल्क से कोई लेनादेना नहीं है ! अपने दुश्मन को पहचानो, दोस्त को इज्जत दो ! मोहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी, बाबर हमलावर आक्रमणकारी थे ! बाबर उज्बेकिस्तान में पैदा हुआ, मरा अफगानिस्तान में, उसे किसने मंजूरी दी अयोध्या में मस्जिद बनवाने की ? अबुल कलाम आजाद जिन्ना से बड़ा गद्दार है, जिसने उसे बादशाह कहा ! अपनी आईडेन्टीटी पहचानें, अपने पर हमला करने वाले को इज्जत न दें ! बाबर का नाम जब तक पाठ्यक्रम से नहीं हटता, आप हिन्दुस्तानी ही नहीं हैं !
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