आंध्र प्रदेश का केसलिंगयपल्ले गांव : ‘हिंदुत्व’ के लिए समर्पित एक गांव जहां धर्मांतरण करनेवालों का प्रवेश पूर्ण रूप से है निषेध

कभी सोचा है आपने कि हमारे देश में एक ऐसा भी गांव है जिसने स्वयं काे “हिन्दुत्व” के लिए समर्पित कर दिया है | इस गांव में धर्मांतरण करनेवालों काे प्रवेश निषिद्ध है|  आंध्रप्रदेश के केसलिंगयपल्ले गांव में एक व्यवस्थित बोर्ड लिखा गया है कि वह गांव केवल और केवल हिन्दुओं के लिए है । उस गांव में छल- कपट से धर्म-परिवर्तन करवाना अपराध माना गया है और ऐसे किसी भी व्यक्ति को गांव के अंदर प्रवेश हाेने ही नहीं देते यहां के निवासी |

गांव में प्रवेश करते ही एक बोर्ड आपका स्वागत करता है, जिसमें लिखा है “इस गांव में केवल हिन्दू रहते हैं । इसलिए दूसरे धर्मों से किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रयास से गांव में प्रवेश करना या अपने धर्मों का प्रचार करना निषिद्ध है । यदि कोई इस आदर्श का उल्लंघन करता है, तो उनके विराेध में कडी कार्रवाई की जाएगी ।  केसलिंगयपल्ले के ग्रामीण निवासी” इस बोर्ड में “जय श्री राम” भी लिखा है और लिखा गया है “यदि कोई व्यक्ति दूसरे धर्म में परिवर्तित हो जाता है, इसका अर्थ है कि वह अपनी मां को बदलता है |” धर्म के प्रति ऐसा प्रेम कहीं देखने को नहीं मिलता |

यदि किसी भी व्यक्ती ने यहां के कानून का उल्लंघन किया तो ऐसे व्यक्ति को गांव के आसपास हाथ में झाडू लिए महिलाओं के साथ परेड करवाया जाता है । उनसे बार-बार “जय श्री राम” का जयकार करवाया जाता है और उन्हें गांव से बाहर निकाल दिया जाता है । यही नहीं, यहां के निवासी ऐसे व्यत्तियों के धार्मिक रूपांतरणों पर उनके साथ बहस करने के लिए चुनौती भी देते हैं | धन्य हैं यहां के लोग | यहां के लोगों में कापुस और पिछडे वर्ग के समुदाय के लोग अधिक हैं और गांव के सभी लोगों ने मिलकर यह निर्णय पिछली रामनवमी पर लिया था |

वास्तव में पिछले वर्ष ही यहां आए हुए एक क्रिश्चियन परिवार ने लोगों का धर्म-परिवर्तन करने का घटिया काम शुरू किया था । जब यह बात यहां के लोगों के ध्यान में आर्इ तो वे तिलमिला उठे और उन इसाइयों को यहां से भगा दिया । साथ ही साथ जो लोग इसाई धर्म में परिवर्तित हुए थे उनको स्वामी अचलानंद के पास ले जाकर उनकी घर वापसी भी करवाई थी । पिछले राम नवमी को उन्होंने ठान लिया था कि इस गांव में कोई भी व्यक्ती धर्म परिवर्तन करवाने के लिए नहीं आ सकता और इस रामनवमी को एक वर्ष हो गया है और किसी का साहस नहीं हुआ कि इस गांव में कदम भी रखे |

यह है हिन्दुत्व की शक्ति, यह है एकता की शक्ति । यदि हर हिन्दू ठान ले कि न वह स्वयं धर्म-परिवर्तन करेगा और न ही किसी का धर्म-परिवर्तन हाेने देगा, तो यह सारे जिहादी और धर्मांतरण के ठेकेदार बोरिया बिस्तर बांधकर भारत छोडकर भाग जाएंगे | विश्व के प्रत्येक हिन्दू तक यह बात पहुंचानी चाहिए कि किस प्रकार एक छोटे से गांव ने वह कर दिखाया जो बडे-बडे शहर नहीं कर पाए | सनातन धर्म की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है । हिन्दुओं को इसी प्रकार अपनी एकता से जिहादियों को मुंह-तोड जवाब देना होगा । संगठन ही शक्ति है और जब तक हम एक हैं तब तक हमें कोई तोड नहीं पाएगा |

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