नीति आयोग के नवनियुक्त उपाध्यक्ष अरविंद पनगडिया - पृष्ठभूमि और रीति नीति




अरविंद पनगडिया की पृष्ठभूमि -
पद्म भूषण से सम्मानित 62 वर्षीय पनगड़िया कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफसर हैं। इससे पहले वह एशियाई विकास बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री रहे हैं। विकास के "गुजरात मॉडल" के जोरदार समर्थक रहे पनगड़िया ने हिदी माध्यम के स्कूल से प्राइमरी शिक्षा हासिल की। उन्हें कई मील पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था।
अरविंद ने राजस्थान विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री लेने वाले पानगड़िया विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व व्यापार संगठन और संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) में भी विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। इसके अलावा अरविंद राजस्थान के मुख्यमंत्री की सलाहकार परिषद के भी उपाध्यक्ष हैं।
उनकी कुछ अन्य विशेषतायें - 
मुक्त अर्थव्यवस्था और बाजार के पैरोकार अर्थशास्त्री
एशियन डेवलपमेंट बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री
विश्व बैंक, आईएमएफ, डब्लूटीओ और अंकटाड से भी जुड़े रहे
राजस्थान सरकार के आर्थिक सलाहकार
श्रम सुधारों के मुखर पैरोकार
राजस्थान में श्रम कानून सुधारों के सूत्रधार
अमर्त्य सेन को खुली बहस के लिए चुनौती देने वाले


अर्थ शास्त्री जगदीश भगवती और अरविंद पनगडिया -
पनगडिया ने दो साल पहले ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ को दिए एक इंटरव्यू में साफ कहा कि अगर जगदीश भगवती और उनकी किताब इंडियाज ट्राइस्ट विद डेस्टिनी में बताई गई सिफारिश पर अमल किया जाए तो भारत नौ फीसदी की विकास दर हासिल कर चीन को भी पीछे छोड़ सकता है। 
प्रख्यात अर्थशास्त्री जगदीश भगवती का मानना है कि श्रम-प्रधान निवेश को बढ़ावा देकर ही बड़े पैमाने पर बेरोजगारी की समस्या का हल संभव है | वे भारत की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हैं |



एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें