20 सालों के बाद फिर से छापा जायेगा 1 रूपये का नोट

इतिहास के पन्नों में आेझल हो गये एक रूपये के नोट को सरकार ने 20 वर्ष बाद फिर से छापने का फैसला किया है।एक, दो तथा पांच रूपये के सिक्के प्रचलन में आने के बाद सरकार ने एक रूपये के नोट की छपाई नवम्बर 1994 में, दो रूपये के नोट फरवरी 1995 में तथा पांच रूपये के नोट नवम्बर 1995 बंद कर दी थी।हालांकि पांच रूपये के नोट की छपाई सरकार ने फिर से शुरू कर दी थी। अब सरकार ने एक रूपये के नोट की फिर से छपाई का निर्णय लिया है।

रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बताया कि एक रूपये के नये नोट जल्द ही प्रचलन में आयेंगे। मुख्यत: गुलाबी हरे रंग के इन नोटों पर सामने की तरफ अंग्रेजी के ‘गर्वनमेंट ऑफ इंडिया' के ऊपर ‘भारत सरकार' लिखा होगा और इन पर वित्त सचिव राजीव महर्षि का हस्ताक्षर होगा। इन पर 2015 में जारी रूपये के निशान तथा ‘सत्यमेव जयते' वाले एक रूपये के सिक्के की छवि भी होगी। नंबर वाली पट्टी पर नंबर के साथ अंग्रेजी अक्षर ‘एल' लिखा होगा।

नोटों के पीछे की तरफ भी अंग्रेजी के ‘गर्वनमेंट ऑफ इंडिया' के ऊपर ‘भारत सरकार' लिखा होगा। इस पर पंद्रह भाषाओं में प्राधिकार वचन होगा। वाटरमार्क में विंडो में अशोक स्तंभ मौजूद होगा जिसमें सत्यमेव जयते नहीं होगा तथा केंद्र में ‘1' लिखा होगा। सरकार ने नवंबर 1995 के बाद एक रूपये के नोटों का मुद्रण बंद कर दिया था क्योंकि इनकी कीमत के हिसाब से छपाई की लागत काफी ज्यादा आती है। उस साल 440 लाख एक रूपये के नोटों का मुद्रण हुआ था। सिर्फ एक रूपये के नोट पर ही वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। शेष सभी नोटों पर आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर रहते हैं

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