भारतीय मछुआरों की ह्त्या करने वाले इटली के नौसैनिकों का प्रकरण गरमाया | इटली द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता की मांग |

आपको याद होगा कि 2012 में इटली के दो नौसैनिकों मासीमिलियानो लातोर्रे और सल्वातोरे गिरोने ने भारतीय समुद्री सीमा में भारत के दो मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी | इन्हें गिरफ्तार कर इन पर भारत में मुक़दमा तो प्रारम्भ हुआ किन्तु तत्कालीन यूपीए सरकार ने स्वास्थ्य कारणों के चलते मासीमिलियानो लातोर्रे को इटली जाने की अनुमति दे दी, तो दूसरे सल्वातोरे गिरोने ने इटली दूतावास में शरण ले ली और लम्बे समय से वह अदालत के सामने उपस्थित नहीं हुआ | 

एक नाटकीय घटनाचक्र में अब इटली ने मांग की है कि उसके इन नौसैनिकों को लेकर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की कार्यवाही शुरू की जाए ।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा गया है कि - स्वाभाविक ही इतालवी सरकार के इस एकतरफा कदम से दोनों देशों के राजनयिक सम्बन्ध प्रभावित होंगे | इसका सीधा मतलब यह निकाला जा रहा है कि मामले को हल करने के उद्देश्य से भारत सरकार के साथ चल रही प्रत्यक्ष वार्ता विफल हो गई है ।

भारत का मानना है कि चूंकि भारत के नागरिकों को भारतीय जल क्षेत्र में गोली मारी गई थी अतः दोनों नौसैनिकों के भाग्य का फैसला भारतीय अदालतों द्वारा किया जाना चाहिए ।

जबकि इटली द्वारा इस प्रकरण को संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) के तहत अथवा हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय या हैम्बर्ग के अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण, जर्मनी से निर्णय कराने की बात की जा रही है । उनका यह भी कहना है कि मरीन ने जानबूझ मछुआरों जान बूझकर यह हत्याएं नहीं की थीं, वस्तुतः उन्होंने मछुआरों की नाव को समुद्री डाकू पोत समझा था और चेतावनी देने के लिए आत्मरक्षा में गोली चलाई थी । 

किन्तु तमिलनाडु में इस घटना की व्यापक प्रतिक्रया हुई, जो स्वाभाविक ही था | अब नए परिप्रेक्ष में एक बार फिर यह मामला गरमा सकता है |



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